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नई दिल्ली। बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की लिस्ट में वरुण गांधी और उनकी मां मेनका गांधी को बाहर का रास्ता दिखाए जाने के बाद से ही अटकलों का बाजार गर्म है।
इस बीच कांग्रेस के नेताओं ने यूपी के प्रयागराज में उनके ‘स्वागत’ पोस्टर लगा दिए हैं। प्रयागराज में कांग्रेस नेताओं ने कुछ पोस्टर्स बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए हैं।
वरुण गांधी के स्वागत पोस्टर में लिखा है, ‘दुःख भरे दिन बीते रे भइया अब सुख आयो रे।’ इसमें वरुण गांधी के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का भी फोटो है। नीचे इरशाद उल्ला और बाबा अभय अवस्थी की तस्वीर लगी है। दोनों को ही कांग्रेस का वरिष्ठ नेता बताया गया है।
क्या बीजेपी छोड़ सकते हैं वरुण गांधी?
वरुण की बगावत को देखते हुए अटकलें लगाई जा रही हैं कि वह बीजेपी छोड़ सकते हैं। बीते दिनों उनके ट्विटर प्रोफाइल का स्क्रीनशॉट भी वायरल हुआ जिसमें कहा गया कि उन्होंने अपने ट्विटर बायो से बीजेपी हटा लिया गया है। हालांकि वरुण गांधी के करीबियों ने इसका खंडन करते हुए स्पष्ट किया कि वरुण ने कभी भी पार्टी का नाम बायो में नहीं लिखा था।
लखीमपुर और किसानों मुद्दों पर घेर रहे वरुण
वरुण गांधी ने अपने बदले तेवर के साथ लखीमपुर की पूरी घटना में बीजेपी सरकार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। वरुण गांधी के बागी तेवर लखीमपुर खीरी हिंसा से पहले भी दिखाई दिए। वरुण गांधी ने गन्ने का रेट 400 रुपये घोषित करने की मांग की। इसके लिए वरुण ने सीएम योगी को खत भी लिखा था। वरुण ने 12 सितंबर को भी किसानों के मुद्दे उठाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को खत लिखा था। 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में वरुण गांधी ने किसानों का समर्थन कर सरकार को असहज महसूस कराया था।
वरुण की नाराजगी का कारण क्या?
सूत्रों के अनुसार, अपनी और मां मेनका गांधी की लगातार उपेक्षा से वरुण गांधी खासे नाराज हैं और यही वजह से पार्टी लाइन से अलग जाकर बयानबाजी कर रहे हैं। इस बार मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार में वरुण गांधी की भी चर्चा हो रही थी लेकिन उन्हें शामिल नहीं किया गया। इसके अलावा अगले साल होने वाले यूपी चुनाव में भी वरुण गांधी को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी गई।