Vastu Tips: कर लेंगे ये 5 काम तो घर में होगी धन-वर्षा! यकीन न हो तो आजमा कर देख लें

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Vastu Tips For Money: वास्‍तु शास्‍त्र में पैसों की तंगी दूर करने और धनवान बनने के तरीके बताए गए हैं. ताकि पैसे कमाने की कोशिशें बेकार न जाएं और व्‍यक्ति अच्‍छा, सुविधापूर्ण जीवन बिताए. इसके अलावा व्‍यक्ति धन हानि और फिजूलखर्ची से भी बचे. अक्‍सर लोगों की शिकायत रहती है कि ढेर सारा पैसा कमाने के बाद भी महीने के आखिर तक उनके पास कुछ नहीं बचता है. ऐसे में वास्‍तु शास्‍त्र में बताए गए उपाय बहुत मददगार साबित हो सकते हैं.

मालामाल कर देंगे ये उपाय
वास्‍तु शास्‍त्र और ज्‍योतिष शास्‍त्र में बताए गए ये उपाय ऐसे हैं, जो कुछ ही दिन में धन हानि, फिजूलखर्ची रोकते हैं और घर-व्‍यापार में बरकत लाते हैं. ये उपाय करने से जल्‍दी ही आर्थिक स्थि‍ति में बड़ा फर्क नजर आने लगता है.

तुलसी का पौधा: अपने घर में तुलसी का पौधा जरूर लगाएं. रविवार और एकादशी का दिन छोड़कर रोजाना सुबह स्‍नान करके तुलसी को जल चढ़ाएं. साथ ही शाम को दीपक जलाएं. ऐसा करने से मां लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होती हैं और खूब धन-दौलत देती हैं.

गाय को रोटी, पक्षियों को दाना: रोजाना पहली रोटी गाय को दें और पक्षियों को दाना डालें. ऐसा करना कई पापों का नाश करता है, जीवन की सारी परेशानियां दूर करता है और घर में सुख-समृद्धि लाता है.

गुरुवार का व्रत: गुरुवार का दिन भगवान विष्‍णु को समर्पित है. इस दिन व्रत रखें और पूरे भक्ति-भाव से भगवान विष्‍णु और माता लक्ष्‍मी की पूजा करें. जल्‍साथ ही लक्ष्मीनारायण का पाठ करें. कुछ ही दिन में सकारात्‍मक असर साफ दिखने लगेगा.

मंदिर में दीपक जलाएं: दीपक अंधेरे को दूर कर जीवन में रोशनी लाने का प्रतीक है. रोजाना किसी मंदिर में दीपक जलाएं, हो सके तो बाती की जगह कलावे का उपयोग करें. ऐसा करने से माता लक्ष्‍मी प्रसन्‍न होकर खूब धन देंगी.

शिवलिंग का जलाभिषेक: भगवान शिव हर दुख को दूर करने वाले हैं. साथ ही सारी मनोकामनाएं भी पूरी करते हैं. लिहाजा रोजाना शिवलिंग का अभिषेक करें, उन्हें बेलपत्र, अक्षत और दूध चढ़ाएं.

चंद्र पूजा: चंद्रमा न केवल मन का बल्कि धन का भी प्रतीक है. जिनकी कुंडली में चंद्रमा शुभ होता है वे वैभव-संपन्‍न जीवन पाते हैं. हर पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा की पूजा करें, इससे धन-दौलत दिन-दूनी रात-चौगुनी बढ़ेगी.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.)