पुतिन की रिकॉर्ड जीत के बाद अब आगे क्या, रूस में देखने को मिल सकते हैं 5 बदलाव

What next after Putin's record victory, 5 changes can be seen in Russia
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Russian Election 2024: रूस में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में व्लादिमीर पुतिन ने रिकॉर्ड जीत हासिल की हैं. केंद्रीय चुनाव आयोग के पुतिन को 87.29 फीसदी वोट मिले हैं. शायद ही कोई इस चुनाव नतीजे से अलग की उम्मीद कर रहा था. पुतिन के सामने नाममात्र के सिर्फ तीन उम्मीदवार थे और यूक्रेन युद्ध का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को पुतिन के खिलाफ चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं थी. इस चुनावी परिणाम का मतलब है कि 71 वर्षीय पुतिन एक नए छह साल के कार्यकाल के लिए तैयार हैं. यह कार्यकाल पूरा करने पर वह जोसेफ स्टालिन से आगे निकल जाएंगे और पिछले 200 से अधिक वर्षों में रूस के सबसे लंबे समय तक पद पर बने रहने वाले नेता बन जाएंगे. बता दें पुतिन दिसंबर 1999 से राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के तौर पर रूस का नेतृत्व कर रहे हैं. सवाल यह है कि पुतिन की इस रिकॉर्ड जीत का रूस पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

क्या रूस को मिलेगा नया पीएम?
वोटिंग से पहले रूस में प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन की सरकार के भविष्य को लेकर अटकलें लग रही थीं. हालांकि चुनाव से पहले सरकारी प्रचारक दिमित्री किसलीव के साथ एक इंटरव्यू में पुतिन ने इस अटकल को टाल दिया कि क्या, चुनाव के बाद सरकार में बदलाव की उम्मीद की जा सकती है। यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन की सरकार चुनाव के बाद बच सकती है, पुतिन ने केवल इतना कहा, ‘हमें चुनाव के बाद, वोटों की गिनती के बाद इस बारे में बात करने की ज़रूरत है। मुझे ऐसा लगता है कि अब यह बिल्कुल गलत है। लेकिन कुल मिलाकर, सरकार काम कर रही है…काफी संतोषजनक ढंग से.’

यूक्रेन युद्ध
पुतिन अपनी जीत को यूक्रेन युद्ध के लिए भारी जनसमर्थन के सबूत के रूप में इस्तेमाल करेंगे. एपी के मुताबिक कई पर्यवेक्षकों को उम्मीद है कि वह अपना रुख सख्त करेंगे और युद्ध बढ़ाएंगे. कुछ लोगों का कहना है कि क्रेमलिन सेना को मजबूत करने और नए भर्ती अभियान की शुरुआत कर सकते हैं.

विरोधियों पर और बढ़ेगा शिकंजा
पुतिन रूस में विरोध की जगह न के बराबर है. उनके ज्यादातर आलोचक या तो जेल में है या फिर जेल में. पुतिन के सबसे बड़े विरोधी एलेक्सी नवलनी की मौत पिछले महीने एक रूसी जेल में हो गई. पुतिन की इस जीत के बाद राजनीतिक विरोधियों और युद्ध आलोचकों के खिलाफ दमन का दायरा बढ़ने की संभावना है. रूसी अधिकारी असहमति के संकेतों को मिटाने के अपने क्रूर कोशिशों में पहले की कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.

विदेश नीति
जहां तक विदेश नीती का सवाल है तो माना जा रहा है कि चुनावी जीत के बाद पुतिन आक्रामक विदेश नीति अपना सकते हैं. वह रूस की छवि को बढ़ावा देंगे और ग्लोबल साउथ में अपना प्रभाव बढाने की कोशिश करेंगे.