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नई दिल्ली: अजीत डोभाल इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के चीफ रहे हैं। वह इस पद से साल 2005 में रिटायर हुए थे। (Express Photo by Abhinav Saha) भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) की पहचान एक तेज-तर्रार जासूस और रक्षा विशेषज्ञ की रही है। उनके काम की तरीफ कश्मीर (Kashmir) से लेकर पंजाब (Punjab) और नॉर्थ ईस्ट (North East) तक हुई है। मिजोरम में फील्ड मैन के रूप में काम करते हुए अजीत डोभाल के भूमिगत हो चुके लोगों से अच्छे संबंध थे।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने साल 2006 में अजीत डोभाल का एक इंटरव्यू छापा था। उस साक्षात्कार में डोभाल ने एक बहुत ही हतप्रभ करने वाली घटना के बारे में बताया था। दरअसल उन्होंने एक बार मिज़ो नेशनल फ्रंट के विद्रोहियों को अपने घर खाने पर बुला लिया था। लालडेंगा के नेतृत्व वाले इस फ्रेंट को तब बहुत खतरनाक माना जाता था। डोभाल खुद बताते हैं कि खाने पर विद्रोही अपने साथ भारी हथियार लेकर आए थे। तब डोभाल ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह सभी सुरक्षित हैं। इससे भी दिलचस्प बात यह कि अजीत डोभाल की पत्नी ने उन विद्रोहियों के लिए सूअर का मांस बनाया था। जबकि उससे पहले उन्होंने कभी सूअर का मांस नहीं पकाया था।
बाद में राजनीतिक दल बन गया मिज़ो नेशनल फ्रंट
लालडेंगा द्वारा बनाया गया मिज़ो नेशनल फ्रंट 60 के दशक में सशस्त्र संघर्ष के लिए जाना जाता था। लालडेंगा ने मिजो क्षेत्र की आजादी के लिए 16 साल तक गुरिल्ला आंदोलन चलाया था। 1986 में भारत सरकार और मिज़ो नेशनल फ्रंट के बीच मिजोरम शांति समझौता हुआ। यह मिजोरम में विद्रोह और हिंसा को समाप्त करने के लिए एक आधिकारिक समझौता था, जो 1966 में शुरू हुआ था। इस समझौते के बाद मिज़ो नेशनल फ्रंट मिजोरम का प्रमुख राजनीतिक दल बन गया और लालडेंगा मिजोरम के पहले मुख्यमंत्री बने। उनका कार्यकाल 1986 से 1988 तक था।
पाकिस्तान और अजीत डोभाल
बीबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में कराची में भारत के काउंसल जनरल रहे जी. पार्थसारथी के हवाले से बताया है कि अजीत डोभाल ने ही सबसे पहले नवाज शरीफ से संपर्क स्थापित किया था। साल 1982 में भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान के दौरे पर गयी थी। जब टीम लौहर पहुंची तो अजीत डोभाल के ही कहने पर नवाज शरीफ ने अपने घर के लॉन में भारतीय क्रिकेटर्स को दावत दी थी।