दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उप मुख्यममंत्री मनीष सिसोदिया जेल में बंद हैं। इसपर तंज कसते हुए बीजेपी नेता कपित मिश्रा ने एक वीडियो शेयर किया है। वीडियों एक बंदर जेल के अंदर बंद दिखाई दे रहा है। जिस कपिल मिश्रा ने सिसोदिया नाम दिया। वहीं जेल के बाहर दो शख्स खड़े हैं जिसे कपिल मिश्रा ने केजरीवाल और संजय सिंह नाम दिया। वीडियो में दिखाई दे रहा है केजरीवाल (एक शख्स) जेल में सिसोदिया से मिलने आते हैं तो सिसोदिया (बंदर) उन्हें कपड़े पकड़ कर खीचने लगता है। इसके बाद बंदर दोनों होथों से शख्स के पैर को पकड़ लेता है। फिर उस शख्स (केजरीवाल) को जेल के बाहर खड़े दूसरा शख्स (संजय सिंह) बचाते हैं।
बता दें कि वीडियो को शेयर करने के 3 घंटे में ही 54 हजार से ज्यादा व्यूज मिले हैं। वीडियो पर 227 लोगों ने कमेंट किया है। जबकि 1901 लोगों ने रिट्वीट किया। अबतक वीडियो को 6914 लाइक्स मिले हैं। वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। सीबीआई ने राउज एवेन्य कोर्ट में पूरक चार्जशीट में पहली बार दिल्ली के पूर्व उप मुख्यममंत्री मनीष सिसोदिया का नाम शामिल किया है। इससे पहले भी एक चार्जशीट (आरोप-पत्र) दायर की थी, जिसमें उनका नाम नहीं था। इस बार चार्जशीट में सिसोदिया के अलावा तीन अन्य नाम भी हैं।
जांच एजेंसी ने पूरक आरोप पत्र में भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की अन्य धाराओं के तहत सिसोदिया व अन्य को आरोपित बनाया है। आरोप-पत्र में शराब कारोबारी अमनदीप सिंह ढल, अर्जुन पांडे व हैदराबाद के सीए बुच्ची बाबू गोरंटला का भी नाम शामिल हैं। विशेष न्यायाधीश ने आरोप-पत्र पर विचार करने को लेकर जिरह के लिए 12 मई की तारीख तय की है। सीबीआई ने 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और अब 58 दिन में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इससे अब आरोप पत्र में देरी को आधार बनाकर जमानत के लिए अर्जी लगाने का रास्ता भी बंद हो गया है।
क्या है मामला
Leaked video from Tihar 😁 pic.twitter.com/D7CsB3I5vs
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) April 27, 2023
सीबीआई और ईडी के अनुसार आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता की गई थी और लाइसेंसधारकों को अनुचित लाभ दिया गया था। इसमें लाइसेंस शुल्क माफ या कम किया गया था। इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। 22 जुलाई 2022 को एलजी वीके सक्सेना ने नई आबकारी नीति (2021-22) के क्रियान्वयन में नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला देकर सीबीआई जांच की सिफारिश की। इस पर सीबीआई ने प्राथमिकी की थी।