अशरफ गिनी में क्यों छोड़ा अफगानिस्तान, भाई ने किया खुलासा, भारत पाकिस्तान पर बोल दी ये बात

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नई दिल्ली: अफगानिस्तान पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद काबुल में स्थिति काफी खराब हो गई है और ज्यादातर लोग किसी भी हाल में देश छोड़ना चाहते हैं. इस बीच अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) के भाई हशमत गनी (Hashmat Ghani) ने Zee News के सहयोगी चैनल WION से बात की और तालिबान, अमेरिका, भारत, पाकिस्तान पर खुलकर अपना पक्ष रखा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि उनके भाई अशरफ गनी ने क्यों अफगानिस्तान छोड़ा.

क्या हशमत गनी ने तालिबान को दिया समर्थन?
हशमत गनी (Hashmat Ghani) ने कहा, ‘यह एक गलत धारणा है. मैंने उनका शासन स्वीकार किया है, लेकिन मैंने उनके साथ शामिल होना स्वीकार नहीं किया है. मैंने उनसे बस इतना कहा है कि खून-खराबे से बचने के लिए मैंने शासन को स्वीकार किया है. मैं यहां अपनी जनजाति, शिक्षा और वाणिज्यिक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए रह रहा हूं. मैंने उनसे कहा कि वे सुरक्षा लाने में बहुत अच्छे हैं और उन्होंने पिछले कुछ दिनों में इसे साबित कर दिया है, लेकिन उनमें दिमाग की कमी है और वो देश को चलाना नहीं जानते हैं. देश में अगर वे ऐसी सरकार बनाना चाहते हैं, जो लोगों को स्वीकार्य हो तो मैं उन्हें ज्वाइन नहीं करूंगा, लेकिन उनके और जनता के बीच की खाई को पाटने की कोशिश करूंगा, ताकि देश को पतन का सामना न करना पड़े. यह मेरा सटीक बयान है.’

कैसी है काबुल की वर्तमान स्थिति, क्या आपको कोई सुधार दिखाई दे रहा है?

काबुल की मौजूदा स्थिति के बारे में हशमत गनी (Hashmat Ghani) ने कहा, ‘जहां तक ​​सुरक्षा की बात है तो उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है. एकमात्र समस्या उनके (तालिबानी) और अमेरिकी सैनिकों के बीच सहयोग है. मैंने अभी एक प्रस्ताव दिया है ताकि ये लोग (अमेरिकी सैनिक) सम्मान के साथ जा सकें और अपनी गरिमा को बरकरार रख सकें. उम्मीद है कि वे मेरा प्रस्ताव स्वीकार करेंगे तो हम वहां कुछ सेटअप लगा सकते हैं, ताकि कोई मारा न जाए और किसी का अपमान न हो.’ महंगाई को लेकर उन्होंने आगे कहा, ‘जहां तक ​​महंगाई की बात है तो हर चीज की कीतमें बढ़ रही है, क्योंकि बैंकिंग क्षेत्र की कमी है और अमेरिका ने राष्ट्रीय रिजर्व को फ्रीज कर दिया है.’

अमेरिकी या तालिबानी, आपने किसे दिया है प्रपोजल?
हशमत गनी ने कहा, ‘मुझे बस अपने लोगों को अकेले खेलने की अनुमति देने की जरूरत है. मैं बस उस क्षेत्र पर कब्जा करना चाहता हूं और उन लोगों को सुविधा प्रदान करना चाहता हूं, जिनके पास वास्तव में वीजा है. जो अराजकता पैदा करने के लिए आ रहे हैं, उन्हें अलग कर दें.’

आप भारत और तालिबान को कैसे देखते हैं? मौजूदा स्थिति के बारे में आप भारत की भूमिका को कैसे देखते हैं?

हशमत गनी ने कहा, ‘यहां एक मजबूत पाकिस्तानी प्रभाव है, जिसे कोई भी नकार नहीं सकता है. भारत ने बैक सीट ले ली है, जो एक स्मार्ट कदम है. निर्यात के लिए स्थापित किए गए एयर कार्गो मार्ग अफगानी फलों के लिए सबसे सफल मार्गों में से एक रहे हैं. दूतावासों की उपस्थिति होनी चाहिए. भारत और पाकिस्तान दोनों के यहां अपने दूतावास होने चाहिए ताकि दुनिया यह देख सके कि अफगानिस्तान के आरोपों के बीच मैं यहां सुरक्षित हूं, जिसका इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ किया जा रहा है.’

हशमत गनी ने कहा, ‘एक साजिश थी और मुझे यकीन है कि वह राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध के संबंध में इसका विवरण देंगे. मुझे यकीन है कि वे उन्हें मारना चाहते थे और अराजकता पैदा करना चाहते थे. मुझे खुशी है कि उन्होंने (अशरफ गनी) काबुल छोड़कर खून-खराबे को रोका.’