आगरा। ताजनगरी फेज दो में शुक्रवार सुबह ओम श्री प्लेटिनम अपार्टमेंट की चौथी मंजिल से फेंककर फैशन और फूड ब्लॉगर रितिका सिंह (30) की हत्या कर दी गई। पति आकाश गौतम को छोड़कर वह तीन साल से अपने फेसबुक फ्रेंड विपुल अग्रवाल के साथ रह रही थी। ढाई महीने पहले ही दोनों अपार्टमेंट में रहने आए थे। हत्या का आरोप पति और उसके चार सहयोगियों पर है।
आसपास के लोगों ने मौके से पति और सहयोगी दो महिलाओं को पकड़ा है। पुलिस ने तीनों आरोपियों और फेसबुक फ्रेंड को हिरासत में लिया है। जांच में सामने आया कि ओम श्री प्लेटिनम अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 404 में फेसबुक दोस्त विपुल के साथ लिव इन में रह रही ब्लॉगर रितिका सिंह ने जान बचाने के लिए देर तक संघर्ष किया। आकाश ने आते ही उससे मारपीट की। विपुल बचाने आया तो उसे आकाश और उसके साथियों ने हाथ बांधकर बाथरूम में बंद कर दिया।
वह चीखने लगा। मगर, कोई नहीं आया। तब तक रितिका के हाथ बांध दिए। वह बाहर निकलने का प्रयास करने लगी। अपार्टमेंट के अन्य लोगों को जब तक पता चला, रितिका को चौथी मंजिल से फेंक दिया गया। पुलिस की पूछताछ में विपुल ने यह जानकारी दी है।
पूछताछ में यह भी पता चला कि आकाश गौतम पूरी तैयारी से आया था। सुबह 10:36 बजे अपार्टमेंट के गेट पर पहले उसने अपने साथ की दोनों महिलाओं से एंट्री कराई, जिससे किसी को शक न हो। यह सीसीटीवी फुटेज में नजर आ रहा है।
गार्ड मुन्ना ने टोका तो दो और लोगों के साथ आकाश आ गया, उसने महिला से ही एंट्री कराई। उन्होंने सुनीता नाम लिखते हुए फ्लैट नंबर 601 में जाने की बात लिखी, जबकि उन्हें 404 में जाना था। मोबाइल नंबर के आगे आकाश का नाम भी लिखा।
पांचों अंदर चले गए। 15 से 20 मिनट बाद ही अपार्टमेंट के पिछले हिस्से से गिरने की आवाज आई। लोगों के शोर मचाने पर गार्ड ने गेट बंद कर दिया। लाश पड़ी मिलने पर लोगों ने वहां से भागते आकाश और उसके साथ की महिलाओं को पकड़ लिया।
वहीं दो अन्य साथियों का पता नहीं चला। लोग फ्लैट में पहुंचे तो विपुल बंद मिला। उसे खोलकर बाहर निकाला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य संकलन किया।
पुलिस ने फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम को मौके पर बुलाया। टीम ने फ्लैट में जांच की। फ्लैट में सामान बिखरा हुआ था। सेंडल पड़ी हुई थी। बाल का गुच्छा भी था। वहीं गमला गिरा पड़ा था। फोरेंसिक एक्सपर्ट ने बाल को कब्जे में लिया है।
पुलिस यह जानकारी जुटा रही है कि आकाश और उसके साथ के लोग किस वाहन से आए थे। क्योंकि उन्होंने गेट से पैदल ही प्रवेश किया था। बाहर भी कोई वाहन आकर नहीं रुका।