SHO बोल रहा हूं, तुम्हारी बेटी ऐसे हाल में पकडी गई है… इसको बचाना है तो…

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नई दिल्ली: ‘SHO रायपुर बोल रहा हूं। तुम्हारी बेटी ड्रग्स के साथ पकड़ी गई है। DSP ने उसे केस से निकालने के लिए लाखों रुपये मांगे हैं। मैं कॉल पर ही हूं, जल्दी से रकम ट्रांसफर कर दो।’ शख्स ने बेटी से बात करने की बात कही तो कथित एसएचओ ने कहा फोन मत काटना, इतने में ही पीछे से बेटी के रोने की आवाज आई।

दिल्ली में रहने वाले एक शख्स को बेटी के फंसे होने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगने का मामला सामने आया है। आरोपियों ने पीड़ित से छह लाख रुपये ले लिए। अभी और रुपये की मांग कर रहे थे। मगर अब पीड़ित ने उसका फोन काट दिया और पत्नी से बात की तो पता चला बेटी बिल्कुल ठीक है। फिलहाल साउथ डिस्ट्रिक्ट की साइबर पुलिस ने पीड़ित के बयान पर धोखाधड़ी और छल करने का केस दर्ज कर लिया है।

पुलिस सूत्र ने बताया कि 54 वर्षीय पीड़ित हौज खास इलाके में रहते हैं। उनकी बेटी पढ़ाई करने रायपुर गई हुईं हैं। 15 अप्रैल को उनके वॉट्सऐप नंबर पर अनजान नंबर से कॉल आई। पहले तो उन्होंने उस कॉल को नजरअंदाज कर दिया, मगर जब दोबारा कॉल आई तो उन्होंने रिसीव कर ली। नंबर पर एक पुलिस ऑफिसर की फोटो थी। कॉल उठाते ही वो शख्स चीखने लगा। उसने खुद को SHO रायपुर विजय कुमार बताया। उसने कहा, तुम्हारी बेटी यहां ड्रग्स सप्लाई करते हुए पकड़ी गई है। उसके साथ तीन और लड़कियां भी हैं।

आरोपी बोला DSP ने तुम्हारी बेटी को केस से निकालने के लिए एक लाख रुपये मांगे हैं। आरोपी ने यह भी कहा कॉल मत काटना और जल्दी रुपये ट्रांसफर कर दो। पीड़ित ने बेटी से कॉल पर बात करवाने के लिए कहा। मगर आरोपी ने बात नहीं करवाई, पीछे से एक लड़की की रोते हुए आवाज आई, वो मदद मांग रही थी। इसके बाद आरोपी ने एक लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए।

फिर की 5 लाख की मांग
एक लाख रुपये लेने के बाद आरोपी कहने लगा कि DSP मान नहीं रहा है। वह और 5 लाख रुपये मांग रहा है। पीड़ित ने कहा, ऑनलाइन ट्रांसफर की लिमिट 1 लाख ही थी। इस पर आरोपी ने कहा, जल्दी बैंक से ट्रांसफर कर दो। आरोपी ने तीन अलग-अलग अकाउंट में रकम ट्रांसफर करवाई। इसके बाद आरोपी कहने लगा कि DSP 4.50 लाख और मांग रहा है। पीड़ित ने कहा मेरे पास और रुपये नहीं हैं और उन्होंने फोन काट दिया। इसके बाद पीड़ित ने अपनी बेटी से बात की तो पता चला कि बेटी बिल्कुल ठीक है, उसे कहीं नहीं पकड़ा गया है।

पीड़ित से हुई ये दो चूक
साइबर पुलिस में तैनात सूत्र का कहना है कि इस मामले में पीड़ित से दो चूक हुईं। सबसे बड़ी चूक यह हुई कि आरोपी का नंबर +92 से शुरू था। यानी यह नंबर भारत का था ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान का था। उन्हें तभी समझ जाना चाहिए था कि यह कोई फ्रॉड है। दूसरा उन्हें रुपये ट्रांसफर करने से पहले एक बार बेटी से बात जरूर कर लेनी चाहिए थी।