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नई दिल्ली। दुनियाभर में अल्फा, बीटा और डेल्टा वैरिएंट जैसे पहले से मौजूद कोरोना वायरस वेरिएंट के बीच ओमिक्रॉन तीव्र गति से बढ रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के तकनीकी नेतृत्व ने ओमिक्रॉन को लेकर सबको सतर्क रहने का आग्रह किया है क्योंकि वेरिएंट ‘लोगों के बीच कुशलता से प्रसारित’ होता है। डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कहा है कि ओमिक्रॉन यूं तो डेल्टा की तुलना में कम गंभीर है, लेकिन यह अभी भी कोरोना महामारी बीमारी के पूर्ण स्पेक्ट्रम को जन्म दे सकता है जैसा पिछले वैरिएंट के वक्त देखा गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह भी बताया है कि क्या कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से सब लोग संक्रमित होंगे या नहीं।
अगर ओमिक्रॉन गंभीर नहीं हैं तो मौत क्यों हो रही है?
अगर कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन कम गंभीर है तो इससे लोगों की मौत क्यों हो रही है और लोगों को अस्पताल क्यों जाना पड़ा रहा है? इस सवाल का जवाब देते हुए डब्ल्यूएचओ की तकनीकी प्रमुख मारिया वान केरखोव ने कहा, ”जो लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित हैं, उनमें बीमारी का पूरा स्पेक्ट्रम है। इस वैरिएंट में उतनी क्षमता है कि ये संक्रमण को बढाए और गंभीर बीमारी और मृत्यु तक ले जाए।’
‘जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं ली है उनके लिए ओमिक्रॉन घातक है’
डॉक्टर मारिया वान केरखोव ने कहा, ‘जिन्हे पहले से कोई बीमारी हो, या जिनकी अधिक उम्र हो और जिन्होंने कोरोना वायरस का टीका नहीं लगाया है, उनमें ओमिक्रॉन से संक्रमण के बाद कोविड -19 का गंभीर रूप हो सकता है।’ बता दें कि पहले संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा था कि प्रारंभिक सबूतों से पता चलता है कि कोविड-19 के खिलाफ उपलब्ध टीके ओमिक्रॉन ट्रांसमिशन के खिलाफ कम प्रभावी हो सकते हैं, जिसमें पुन: संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है।
क्या सभी को होगा ओमिक्रॉन का संक्रमण?
यह पूछे जाने पर कि क्या सभी को ओमिक्रॉन का संक्रमण होगा? डब्ल्यूएचओ के तकनीकी नेतृत्व ने कहा, ‘ओमिक्रॉन ट्रांसमिशन के मामले में मामले में डेल्टा से आगे निकल रहा है, और यह लोगों के बीच बहुत कुशलता से प्रसारित होता है। हालांकि दुनिया भर में ओमिक्रॉन के मामले अधिक हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि सभी लोग ओमिक्रॉन से संक्रमित होंगे।”