लखनऊ। यूपी के मदरसों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से उनके या उनके अभिभावकों के खातों में धनराशि भेजी जाएगी। जिससे छात्र-छात्राएं सुविधानुसार किताबों को खरीद सकें। यह निर्देश राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम वक्फ एवं हज विभाग के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार को विभाग के कामकाज की समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि मदरसा शिक्षा को बेहतर बनाने एवं उसके आधुनिकीकरण की दिशा में यह निर्णय अत्यन्त महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।
धर्मपाल सिंह ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराने की प्रगति की समीक्षा करते हुए यह निर्देश दिए कि सर्वे कार्य के संबंध में सभी जिलों से सर्वे कार्य की प्रगति का पर्यवेक्षण नियमित रूप से किया जाए और सर्वे को लेकर किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति उत्पन्न न होने पाए। उन्होंने कहा कि सर्वे कार्य केवल गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की सूचना संकलित किए जाने के उद्देश्य से कराया जा रहा है न कि किसी प्रकार की जॉच से संबंधित है। उन्होंने कहा कि मदरसों की शिक्षा को गुणवत्तायुक्त एवं आधुनिक शिक्षा प्रणाली के अनुरूप बनाना राज्य सरकार का उद्देश्य है।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि मदरसे के कुछ प्रतिभाशाली बच्चे जिन्होंने एनईईटी (नीट) परीक्षा उत्तीर्ण की है, उन्हें सम्मानित किया जाए ताकि अन्य बच्चों में उच्च शिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न हो और मदरसों के बच्चों में आगे बढ़ने व पढ़ने की प्रेरणा जगाई जा सके। उन्होंने कहा कि मदरसों की शिक्षा के आधुनिकीरण से छात्र एवं छात्राएं राज्य सरकार की मंशा के अनुसार डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस व उच्च पदों पर चयनित हो सकेंगे।
उन्होंने मदरसें के बच्चों को एनसीआरटी की पुस्तकें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। धर्मपाल सिंह ने कहा कि मदरसों के सर्वे के संबंध में यथाशीघ्र सर्वे कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि सर्वे से प्राप्त परिणामों के आधार पर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर मदरसा शिक्षा को और बेहतर बनाया जा सके ताकि अल्पसंख्यक समाज के अधिक से अधिक छात्र एवं छात्राएं लाभान्वित हो सकें।