अभी-अभी: हरियाणा मे कोरोना कहर पर बडा खुलासा, शहरों के मुकाबले गांवों में हुईं…

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चंडीगढ़: कोरोना महामारी के इस दौर में तमाम स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस शहरों के मुकाबले कम सुविधाएं होते हुए भी गांव अच्छे हैं। गांवों में कम आवाजाही, अच्छे खानपान और स्वच्छ हवा ने कोरोना की दोनों लहरों से लड़ने में मदद की। गांवों के लोगों की अच्छी इम्यूनिटी होने के कारण यहां शहरों के मुकाबले न केवल संक्रमण कम फैला, बल्कि शहरों के मुकाबले मौत भी कम दर्ज की गई हैं।

हरियाणा स्वास्थ्य विभाग की अब तक की समीक्षा रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में कोरोना से 9384 मरीजों की मौत हुई। इनमें से शहरी क्षेत्र में रहने वालों की संख्या 5625 रही, जबकि ग्रामीण इलाकों में मौत की संख्या 3759 रही। ऐसे में गांवों के मुकाबले 1866 शहरी मरीजों की अधिक जान गई। प्रदेश के 22 में से 13 जिलों में ग्रामीणों की मौत का आंकड़ा काफी कम रहा। वहीं, 9 ऐसे जिले हैं, जहां पर शहरी लोगों के मुकाबले गांवों के मरीजों की अधिक मौत हुई।
यहां शहरी इलाकों में अधिक मौत
जिला       ग्रामीण       शहरी
अंबाला        164         342
फरीदाबाद    66          650
गुरुग्राम        45          849
जींद            244        266
करनाल       234        306
कुरुक्षेत्र       168        179
पलवल         74         75
पंचकूला      177       188
पानीपत       165       370
रेवाड़ी          92        117
रोहतक       116        381
सिरसा         202       244
यमुनानगर    123       272

यहां अधिक ग्रामीणों की मौत
जिला           ग्रामीण     शहरी
हिसार           509        494
भिवानी          346       231
चरखी दादरी    93       32
फतेहाबाद      236       211
झज्जर           160       129
महेंद्रगढ़        114        32
नूंह                75         38
सोनीपत         145       109
कैथल            211       110
नोट : ये आंकड़े 27 जून तक के हैं।
हिसार में सबसे अधिक और नूंह में कम मौत
अब तक कोरोना से कुल मौतों की बात करें तो सबसे अधिक जान हिसार जिले में 1003 गई, जबकि सबसे कम नूंह में 113 मौत हुईं। गुरुग्राम में 894, फरीदाबाद में 716, भिवानी में 577, करनाल में 540, अंबाला में 506, जींद में 510, कैथल में 321, कुरुक्षेत्र में 347, महेंद्रगढ़ में 146, पंचकूला में 365, पानीपत में 536, रेवाड़ी में 497, सिरसा में 446, सोनीपत में 254, यमुनानगर में 395, पलवल में 149 और रेवाड़ी में 209 मौत दर्ज की गई हैं।

अच्छा खान पान आया काम : डा. चौधरी
शहरों की मुकाबले गांवों में बाहरी लोगों की आवाजाही कम रही, इसलिए संक्रमण कम रहा। अच्छा खाना और मेहनती होने के कारण लोगों की इम्यूनिटी शहर वालों के मुकाबले अच्छी है। जो कोरोना से लड़ने में काम आई। – डॉ. ध्रुव चौधरी, नोडल अधिकारी, कोविड-19 हरियाणा।

शारीरिक और मानसिक मजबूती आई काम : डॉ. डागर
ग्रामीण लोग शारीरिक और मानसिक रूप से अधिक मजबूत होते हैं। गांवों का स्वच्छ वातावरण भी इसमें काम आया। गांवों में ऑक्सीजन की उपलब्धता भी अधिक होती है। इसलिए यहां मृत्यु दर कम रही है।  – डा. अभिनव डागर, पलमरी विशेषज्ञ