उत्‍तराखंड मे सीएम धामी ने बांटे मंत्रियों के विभाग, इनका बढ़ा कद, यहां देखे

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देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चौथे दिन के होमवर्क के बाद अपनी मंत्रिमंडल के 11 मंत्रियों के लिए विभागों का बंटवारा कर दिया। महज छह महीने बाद प्रदेश में चुनाव होने हैं, मिशन 2022 को ध्यान में रखकर युवा मुख्यमंत्री ने अनुभवी सहयोगियों को कार्य आवंटन में दरियादिली के साथ दूरदर्शिता भी दिखाई। 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद पहली दफा स्वास्थ्य, लोक निर्माण विभाग, ऊर्जा, ग्राम्य विकास जैसे हैवीवेट विभाग मुख्यमंत्री की पोटली से बाहर निकले हैं। गृह, वित्त, नियोजन व तकनीकी शिक्षा समेत 12 विभाग मुख्यमंत्री ने अपने पास रखे हैं।

सभी 11 मंत्रियों के पिछले विभागों से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। खफा चल रहे वरिष्ठों के सम्मान का ध्यान रखते हुए बड़े विभागों से उन्हें नवाजा गया है। मंत्रिमंडल में सतपाल महाराज, डा हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, डा धन सिंह रावत और स्वामी यतीश्वरानंद का वजन बढ़ा है। डा धन सिंह रावत और स्वामी यतीश्वरानंद पहले कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रमोशन और अब वजनदार विभाग पाकर लाभ की स्थिति में रहे। धामी ने पूर्व मुख्यमंत्रियों त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत की तुलना में अपने सहयोगियों पर ज्यादा भरोसा दिखाया है।

अगले विधानसभा चुनाव से चंद महीनों पहले मुख्यमंत्री पद की अहम जिम्मेदारी संभालने वाले पुष्कर सिंह धामी ने पोर्टफोलियो वितरण के जरिये चुनौतियों से निपटने की अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी। कम समय में विकास कार्यों को अंजाम देने की चुनौती को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी ने विभागों के बंटवारे में सतर्कता बरती। अनुभवी मंत्रियों की नाराजगी दूर करने के लिए महत्वपूर्ण विभाग सौंपकर उन्हें परफारमेंस साबित करने का अवसर भी दिया है। पिछले तीरथ मंत्रिमंडल के बाद अब धामी मंत्रिमंडल में शामिल सतपाल महाराज को लोक निर्माण विभाग, डा हरक सिंह रावत को ऊर्जा व वैकल्पिक ऊर्जा, यशपाल आर्य को आबकारी, डा धन सिंह रावत को चिकित्सा स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा और यतीश्वरानंद को ग्राम्य विकास के रूप में अतिरिक्त विभाग दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने अपने पास 12 विभाग रखे हैं। ये हैं-मंत्रिपरिषद, कार्मिक व अखिल भारतीय सेवाओं का संस्थापना विषयक कार्य व सतर्कता, सुराज, भ्रष्टाचार उन्मूलन व जनसेवा, गृह, कारागार, नागरिक सुरक्षा एवं होमगार्ड, अद्र्धसैनिक कल्याण, राज्य संपत्ति, राजस्व, न्याय, सूचना, तकनीकी शिक्षा, नागरिक उड्डयन, वित्त, वाणिज्य कर, स्टांप व निबंधन और नियोजन।