दिल्ली में शराब के शौकीनों के लिए खुशखबरी, जानिए क्या बनी नई आबकारी नीति

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नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने राजस्व को बढ़ाने और शराब माफिया पर नकेल कसने के लिए नई आबकारी नीति की घोषणा की, जिसके तहत ग्राहकों को अब शराब के ठेकों में ‘वॉक-इन’ का अनुभव देने, बीयर बनाने वाली छोटी इकाइयों को बढ़ावा देने और होटल, क्लब एवं रेस्तरां के बार (Bar) को देर रात तीन बजे तक खोलने की अनुमति देने जैसे कदम उठाए गए हैं। इस नई नीति का मकसद दिल्ली में नकली शराब पर अंकुश लगाना भी है। आबकारी नीति 2021-22 को सोमवार को सार्वजनिक किया गया, जिसमें कहा गया कि दुनिया के जिन शहरों में लोग सर्वाधिक घूमने जाते हैं, उनमें दिल्ली 28वें स्थान पर है और भारत में सर्वाधिक विदेशी पर्यटक यहीं आते हैं। इसमें कहा गया है कि आबकारी राज्य के लिए राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

नई नीति में नहीं है इस बात का जिक्र
हालांकि नीति दस्तावेज में शराब की होम डिलीवरी (घर तक पहुंचाने की सुविधा) और शराब पीने की कानूनी उम्र का जिक्र नहीं किया गया है, जो कि आबकारी नियमों का हिस्सा है। शराब पीने की कानूनी उम्र पड़ोसी शहरों की तरह 25 वर्ष से घटाकर 21 वर्ष करने का प्रस्ताव रखा गया था।

अब होगा ये बड़ा बदलाव
नई व्यवस्था के तहत सरकार शराब के खुदरा कारोबार से बाहर हो जाएगी, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में सरकारी दुकानों को बंद करने और निजी कारोबारियों को बढ़ावा देने का रास्ता साफ होगा। वर्ष 2021-22 की आबकारी नीति के अनुसार, शहर में शराब के प्रत्येक ठेके पर ग्राहकों को ‘वॉक-इन’ की सुविधा मिलेगी। यानी अब ठेकों में ब्रांड के कई विकल्प होंगे और दुकान परिसर के भीतर जाकर लोग अपनी पसंद के ब्रांड की शराब चुन सकेंगे। वातानुकूलित खुदरा दुकानों में कांच के दरवाजे होंगे। इसमें कहा गया है कि ग्राहकों को किसी दुकान के बाहर या फुटपाथ पर भीड़ लगाने और काउंटर से खरीदारी करने की अनुमति नहीं होगी। नीति दस्तावेज में यह भी कहा गया है कि बैंक्वेट हॉल में स्वीकृत कार्यक्रमों के लिए बीयर परोसने की अनुमति होगी। वहीं, जिन होटलों और रेस्तरां के पास लाइसेंस हैं, वे टेरेस, बालकनी या खुले जगह पर शराब परोस सकते हैं।

दिल्ली की नई आबकारी नीति, 2021 में बीयर बनाने वाली छोटी इकाइयों को बढ़ावा देने का फैसला किया गया है। इसके तहत दिल्लीवासी अब इन छोटी इकाइयों से ताजा ड्राट (खुली) बीयर ले सकते हैं। नीति के तहत बीयर बनाने वाली छोटी इकाइयों को बार और रेस्तरां में आपूर्ति करने और लोगों को घर के लिए बीयर की बिक्री की अनुमति दी गयी है।

नए सुधारों के तहत, होटल, रेस्तरां और क्लब में बार को देर रात तीन बजे तक संचालित करने की अनुमति दी गई है। इनमें वे लाइसेंसधारक शामिल नहीं है, जिन्हें शराब की चैबीसों घंटे बिक्री का लाइसेंस दिया गया है। इसके अलावा नीति के तहत स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में शराब के विभिन्न ब्रांड के पंजीकरण के लिए मूल्य और दिल्ली से बाहर होने वाली बिक्री संबंधी मानदंड की सिफारिश की गई है। नया मानदंड अब शराब के किसी ब्रांड की कीमत और राष्ट्रीय राजधानी के बाहर उसकी बिक्री के आंकड़ों पर निर्भर करेगा। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इस कदम से उद्योग में नए ब्रांड और स्टार्टअप को बढ़ावा मिलने की संभावना है।दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी के लोग जल्द ही पांच सुपर प्रीमियम शराब खुदरा दुकानों में जाकर शराब के सर्वश्रेष्ठ ब्रांड में से चयन कर सकेंगे और इन स्थानों पर शराब को चखने के लिए भी एक कक्ष होगा। आबकारी नीति ने खुदरा विक्रेता लाइसेंस की एक नई श्रेणी- एल -7एसपी1 पेश की है, जिसे सुपर प्रीमियम लाइसेंस भी कहा जाता है, ताकि अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता वाले खुदरा विक्रेता ‘ग्राहकों को उच्चस्तरीय वॉक-इन अनुभव’ दे सकें।