मध्यप्रदेश में तीसरे चरण की नौ सीटों पर 66.05 प्रतिशत मतदान, राजगढ़ टॉप पर तो भिंड में सबसे कम

66.05 percent voting on nine seats in the third phase in Madhya Pradesh, Rajgarh is on top and Bhind is the least.
66.05 percent voting on nine seats in the third phase in Madhya Pradesh, Rajgarh is on top and Bhind is the least.
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भोपाल: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को भोपाल, विदिशा, राजगढ़, सागर, बैतूल, गुना, ग्वालियर, मुरैना और भिंड में रात 10 बजे जारी अपडेट के अनुसार 66.05 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव आयोग के अनुसार यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। इन सीटों पर 2019 में 66.63 प्रतिशत मतदान हुआ था। उससे यह 0.58 फीसदी कम है। मंगलवार को सबसे ज्यादा मतदान राजगढ़ सीट पर 75.39 प्रतिशत हुआ है। जबकि सबसे कम भिंड सीट पर 54.87 प्रतिशत मतदान हुआ है। प्रदेश में तीसरे चरण में मतदान प्रतिशत पहले दो चरणों के मुकाबले बढ़ने का कारण कैंडिडेंट, कार्यकर्ता और कार्यक्रम तीन ‘क’ फैक्टर बताए जा रहे हैं। इस बार इन नौ सीटों में से चार विदिशा, गुना, ग्वालियर और भिंड में 2019 के मुकाबले 0.45 से 8.3 फीसदी तक मतदान बढ़ा है। हालांकि, भोपाल में 12.1 फीसदी की गिरावट आई है, जो चौंकाने वाली है।

क्या है तीन ‘क’ फैक्टर
1- कैंडिडेंट- तीसरे चरण की नौ सीटों में से दो पर पूर्व मुख्यमंत्री और एक पर केंद्रीय मंत्री चुनाव लड़ रहे थे। राजगढ़ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह करीब तीस साल बाद चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी वजह से मुकाबला कांटे की टक्कर वाला बन गया। राजगढ़ सीट पर प्रदेश में सबसे ज्यादा मतदान हुआ है। वहीं, दूसरी विदिशा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव लड़ रहे। उन्होंने प्रदेश में लोकप्रिय राजनीतिक चेहरे के रूप में सामने आने के लिए बड़े मार्जिन से जीत के लिए चुनाव में जोर लगाया। वहीं, तीसरे सीट गुना में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी 2019 में हार के बाद अपनी प्रतिष्ठा वापस पाने के लिए तैयारी की। सिंधिया और उनका परिवार लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहा।

2-कार्यक्रम- पहले और दूसरे चरण में शादी विवाह के कार्यक्रम को कम मतदान का कारण बताया गया। 26 अप्रैल को शादी विवाह का शुभ मुहूर्त का अंतिम दिन था। इसके साथ ही चुनाव आयोग के ऊपर भी कम मतदान को लेकर सवाल उठ रहे थे। उन्होंने चले बूथ अभियान जैसे कार्यक्रम के साथ ही पूरे सप्ताह मतदाताओं से संपर्क करने और उनको मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए जागरूक किया। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सामाजिक, व्यापारिक संगठनों को जोड़ा। जिसमें लकी ड्रा के माध्यम से डायमंड रिंग, फ्रीज, कूलर, रेस्टारेंट में खाने पर डिस्काउंट जैसे प्रयास किए गए।

3- कार्यकर्ता- राजनीतिक दलों की भी कम मतदान से सांसें रूक रही थी। तीसरे चरण में प्रदेश के दोनों प्रमुख दलों ने अपने कार्यकर्ताओं को मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सक्रिय किया। भाजपा ने बूथ लेवल के पदाधिकारियों के साथ ही जिला पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधयों को जिम्मेदारी दी। उन्होंने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए मतदाताओं को जागरूक करने के साथ ही उनको घरों से निकाला।

सुबह के चार घंटे में 30.21% मतदान
प्रदेश की 9 सीटों पर सुबह 7 बजे से 11 बजे तक शुरुआत के चार घंटे में 30.21 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ। इसके बाद दोपहर 1 बजे 44.67 प्रतिशत, 3 बजे 54.09 प्रतिशत, 5 बजे 62.28 प्रतिशत मतदान हुआ। रात 10 बजे तक चुनाव आयोग द्वारा अपडेट के अनुसार 66.05% मतदान दर्ज किया गया। गर्मी के कारण दोपहर में कम मतदान हुआ, हालांकि सुबह व शाम के वक्त तेजी से वोटिंग हुई।

विदिशा में बढ़ा मतदान, भोपाल में सबसे ज्यादा गिरावट
प्रदेश की तीसरे चरण की नौ सीटों पर मतदान में विदिशा सीट पर पिछली बार की तुलना में 8.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस बार 74.05% मतदान हुआ। जबकि 2019 में 65.70 फीसदी मतदान हुआ था। हालांकि, 9 सीटों में सबसे ज्यादा मतदान राजगढ़ में 75.39 प्रतिशत हुआ है, लेकिन वह भी 2019 के 79.46 से करीब चार प्रतिशत कम है। वहीं, तीसरे नंबर पर बैतूल में 72.65% मतदान हुआ, यह पिछली बार के 78.15 की तुलना में करीब 5.5 प्रतिशत कम है। गुना में 71.95 प्रतिशत मतदान हुआ है, जो पिछली बार के 70.32 प्रतिशत की तुलना के करीब 1.63 फीसदी ज्यादा है। सागर में 65.19% मतदान हुआ है, यहां पिछली बार 65.51% मतदान हुआ था, इसमें मामूली कमी आई है। भोपाल में इस बार 62.29 प्रतिशत मतदान हुआ है, जबकि 2019 में यहां 74.39 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस तरह यहां 12 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं, ग्वालियर में भी 61.68% मतदान हुआ, जो कि पिछली बार के 59.78 प्रतिशत से 1.9 फीसदी ज्यादा है। मुरैना में 58.22 प्रतिशत मतदान हुआ, जो कि पिछली बार के 61.89 प्रतिशत से करीब 3.67 प्रतिशत कम है। वहीं, भिंड में पिछली बार की तरह ही सबसे कम मतदान 54.87 प्रतिशत हुआ है, जबकि पिछली बार यहां पर 54.42 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार .45 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

सीट 2024 2019 अंतर
राजगढ़- 75.39 79.46 (-4.07)
विदिशा- 74.05 65.70 (+8.35)
बैतूल- 72.65 78.15 (-5.5)
गुना- 71.95 70.32 (+1.63)
सागर- 65.19 65.51 (-0.32)
भोपाल- 62.29 74.39 (-12.1)
ग्वालियर- 61.68 59.78 (+1.9)
मुरैना- 58.22 61.89 (-3.67)
भिंड- 54.87 54.42 (+0.45)

पहले दो चरणों में इतना हुआ था मतदान
– पहले चरण में छह सीटों पर 67.75% मतदान हुआ था। इन सीटों पर 2019 में 75.23% वोटिंग हुई। इस बार पिछली बार की तुलना में 7.48% कम मतदान हुआ।
– दूसरे चरण में छह सीटों पर 58.62 प्रतिशत मतदान हुआ। इन सीटों पर 2019 में 67.64 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार पिछली बार की तुलना में 9.05 प्रतिशत कम मतदान हुआ।