क्यों CM धामी के 4 चार घंटे के तूफानी जोशीमठ दौरे ने BJP को फंसा दिया है?

Why CM Dhami's four-hour stormy Joshimath tour has trapped BJP?
Why CM Dhami's four-hour stormy Joshimath tour has trapped BJP?
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जोशीमठ: मुख्यमंत्री के आने के बाद घर पर लाल निशान लगा दिया कि कल खाली होना चाहिए। एक ही दिन में हम सामान को उठाकर कहां ले जाएंगे? छोटे-छोटे नाती हैं मेरे। दो बहुएं हैं और एक मैं हूं। इनके साथ आफत। सुबह से बच्चे पैकिंग कर रहे हैं। रो रहे हैं। किराएदार थे तीन चार सभी चले गए। कुछ पैसे आते थे, वह जरिया भी चला गया। बच्चों की बाजार में छोटी दुकान थी, वह भी चली गई। मनोहर बाग की काश्मीरी देवी की आंखों में आंसू आ जाते हैं। कोई सैलाब आए और हम सब चले जाएं, यह कहते हुए पास में बैठी उनकी छोटी बहू नीलम फूट-फूटकर रो पड़ती हैं।

भगवान पर भरोसा है लेकिन सरकार पर भरोसा नहीं है। परसों मुख्यमंत्री जी आए, सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त हमारा घर हुआ है, वह देखने नहीं आए। वह उन घरों में गए, जहां दरारें कम हैं। हमें कहा गया है कि आपके घर पर लाल निशान लगा दिया गया है। आप घर छोड़ दीजिए। अगर आप नहीं छोड़ते हैं, तो आप खुद जिम्मेदार हैं। वह कहती हैं कि अगर सरकार हमारी पीड़ा को नहीं सुनती है, तो हम आत्महत्या कर लेंगे। मनोहर बाग, गीता

‘बड़े दुख की बात है हम मजूरी करते हैं और तब पेट पालते हैं। कल मंत्री जी आए। हमारी नहीं सुनी है। कौन दुखी मां बहन है, कौन सुखी है। वे रोड ही रोड से चले गए। हम रोड से बहुत नीचे रहते हैं। बड़े अफसोस की बात है।’ सिंहधार के खिरगी की पवित्रा देवी कहती हैं।

सीएम ने क‍िया था 4 घंंटे का दौरा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के शनिवार को आनन-फानन में जोशीमठ के चार घंटे के दौरे ने क्या बीजेपी को बुरी तरह फंसा दिया है? सोमवार को बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सड़क पर पीड़ित लोगों से मिलने निकले, तो उन्हें भी आक्रोश का सामना करना पड़ा। दरअसल, जोशीमठ में सीएम धामी के दौरे के बाद सरकार के खिलाफ गुस्सा ज्यादा दिखाई दे रहा है। असहाय सी हालत में पहुंच चुके लोगों को उम्मीद थी कि उनके दर्द को समझने सीएम उन तक पहुंचेंगे, लेकिन धामी कुछ ही घंटों में अपना दौरा खत्म कर चले गए। ऐसे में सरकार के खिलाफ लोगों का यह आक्रोश अब ज्यादा दिखाई दे रहा है। रैन बसेरों में रह रहे लोग अपने इस दर्द को जाहिर कर रहे हैं।

क्‍या था उस वक्‍त माहौल?
मुख्यमंत्री धामी जिस वक्त जोशीमठ में थे, उस दौरान तहसील में धरना दे रहे लोगों को उनका दौरा खत्म होने तक नजरबंदी जैसी स्थिति में रख दिया गया। तहसील में उस समय जोशीमठ के अलग-अलग हिस्सों से आई महिलाएं मौजूद थीं। कुछ महिलाएं ऐसी भी थीं, जो रो रही थीं। उन्हें उम्मीद थी कि धामी धरनास्थल पर आकर उनका दर्द जानेंगे। लेकिन धामी आनन-फानन में दौरा खत्म कर वापस लौट गए। अब गुस्सा बीजेपी नेताओं पर निकल रहा है।