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नई दिल्ली: एम्स में इलाज कराने के मामले में दिल्ली के लोग टॉप पर है। इसके बाद दूसरे और तीसरे नंबर पर यूपी और बिहार के मरीज हैं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। लेकिन एक धारणा बनी हुई है कि बिहार के मरीज एम्स में इलाज के लिए ज्यादा आते हैं। अब एम्स की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। इसके बाद हरियाणा और उत्तराखंड के मरीज एम्स में इलाज लेने वालों में है। 2021-22 की रिपोर्ट की तरह ही 2020-21 की रिपोर्ट में भी यही स्थिति रही थी। जानकारों का कहना है कि देश के सबसे बड़े मेडिकल सेंटर दिल्ली एम्स के प्रति जनता का विश्वास बना हुआ है। पूरे देश से मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं, लेकिन दिल्ली वालों को इसका सबसे अधिक फायदा मिलता है। एम्स के डॉक्टर का कहना है कि चूंकि जो मरीज बाहर से इलाज के लिए आते हैं, वो एम्स के आसपास ही ठहरते हैं। पूछने पर ऐसा लगता है कि सब बिहार यूपी से हैं। लेकिन दिल्ली के मरीज इलाज के बाद अपने घर चले जाते हैं। उन्हें एम्स के बाहर ठहरने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसलिए लगता है कि दिल्ली के मरीज कम हो सकते हैं। लेकिन ऐसा है नहीं।
एम्स में सबसे ज्यादा मरीज कहां से
दिल्ली
उत्तर प्रदेश
बिहार
हरियाणा
उत्तराखंड
मौत की दर में एक पर्सेंट की आई कमी
2021-22 में एम्स के मेन हॉस्पिटल में 2301 मरीजों की मौत हुई। इसमें से 685 मरीजों की मौत एडमिशन के 48 घंटे के भीतर ही हो गई, जबकि 1616 की मौत 48 घंटे के बाद हुई। कुल मौत की दर 2 पर्सेंट दर्ज हुई, जो पिछले साल की रिपोर्ट में 3 पर्सेंट थी। विभाग वाइज मौत की दर में आंकोलॉजी यानी कैंसर सबसे अधिक 24.1 परसेंट दर्ज हुआ, जो पिछले साल 25.1 परसेंट था।
कार्डिएक और न्यूरो सेंटर में 629 की मौत हुई। 126 की मौत 48 घंटे से पहले और 503 की बाद में हुई। इस डिपार्टमेंट में मौत की दर 4.1 पर्सेंट दर्ज हुई। लेकिन डेंटल सेंटर में एक भी मरीज की मौत नहीं हुई।