बिहार में गंगा किनारे वाले क्षेत्रों में बढ़ रहे कैंसर के मरीज, सामने आई ये बड़ी वजह

Cancer patients are increasing in the areas along the banks of the Ganges in Bihar, this is the main reason
Cancer patients are increasing in the areas along the banks of the Ganges in Bihar, this is the main reason
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पटना: बिहार में गंगा नदी के दोनों तटों की पानी प्रदूषित हो चुकी है. अब गंगा नदी का पानी पीने योग्य नहीं रहा बताया जा रहा है कि बिहार में गंगा नदी के पानी में WHO के मानक से भी अधिक संख्या में आर्सेनिक का मात्रा पाई गई है. आर्सेनिक प्रभावित पानी पीकर कई जिले के लोग कैंसर का शिकार हो रहे हैं. इंग्लैंड के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय से बिहार में पानी पर रिसर्च करने पहुंची डॉक्टर रिचर्डसन ने बताया कि बिहार के कई जिलों का पानी आर्सेनिक से प्रभावित हो चुका है, जिसे पीकर लोग कई तरह के कैंसर रोग से प्रभावित हो रहे हैं.

वहीं, पानी पर आर्सेनिक की मात्रा का रिसर्च कर रहे महावीर कैंसर संस्थान के रिसर्च विभाग के प्रभारी डॉ. अशोक कुमार घोष ने बताया कि बिहार में गंगा नदी तट पर बसे बक्सर, भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार जिला के पानी में आर्सेनिक की मात्रा काफी ज्यादा पाई गई है. इन जिलों से पटना के महावीर कैंसर संस्थान में कैंसर मरीजों की संख्या ज्यादा आ रही है.

डॉक्टर घोष का यह मानना है कि पानी में आर्सेनिक की मात्रा का प्रभाव मानव जीवन पर धीरे-धीरे पड़ता है। जो मीठा जहर का काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि इसका प्रभाव हाथ पैर में चर्म रोग से शुरू होकर शरीर के अंदर गोल ब्लैडर, ब्रेस्ट, लीवर जैसे जगहों पर कैंसर का विकराल रूप ले लेता है. डॉक्टर अशोक कुमार घोष ने बताया कि हमारी टीम ने 46 हजार जल स्रोत का अध्ययन किया है, जिसमे यह पता चला है कि इन इलाकों के पानी में आर्सेनिक की मात्रा WHO के मानक से भी कई गुना ज्यादा है। ए स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है.

महावीर कैंसर संस्थान के शोध विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर अरुण कुमार ने बताया कि बिहार में जीवनदायिनी गंगा नदी है. गंगा नदी के दोनों तटों पर आर्सेनिक का प्रभाव देखा गया है. बक्सर से लेकर भागलपुर तक गंगा नदी के तट पर बसे शहर में आर्सेनिक का प्रभाव है. इन सारे क्षेत्रों से कैंसर के मरीज आ रहे हैं. ज्यादातर मरीज कैंसर से पीड़ित है. अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो बीमारी का बोझ इतना बढ़ जाएगा इसे संभाल पाना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने बताया कि भारत सरकार और बिहार सरकार के संयुक्त रूप चल रही नल जल योजना की मॉनिटरिंग बहुत जरूरी है. उन्होंने बताया कि लोग किस तरह का पानी पी रहे हैं, इसकी जांच होनी चाहिए.