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Sulochana Latkar Dies: हिंदी और मराठी सिनेमा में अपने सौम्य और मासूम अभिनय से लाखों प्रशंसकों का दिल जीतने वाली दिग्गज अभिनेत्री सुलोचना दीदी उर्फ सुलोचना लाटकर का मुंबई के सुश्रुषा अस्पताल में वृद्धावस्था में निधन हो गया. वह 94 साल की थीं. अभिनेत्री सुलोचना लाटकर ने अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र और दिलीप कुमार जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ फिल्में की हैं.
अभिनेत्री सुलोचना लटकर का जन्म 30 जुलाई, 1928 को बेलगाम के चिकोडी तालुका के खडकलरत गांव में हुआ था. उन्होंने 1943 में फिल्म जगत में अपनी शुरुआत की. उन्हें भालजी पेंढारकर से मार्गदर्शन मिला. उन्होंने मराठी और हिंदी फिल्मों में विभिन्न भूमिकाएं निभाईं. अभिनेत्री के रूप में उनकी भूमिकाएं यादगार बन गईं.
सुलोचना दीदी (सुलोचना लतकर) की छवि लाखों फिल्म देखने वालों के मन में आज भी वैसी ही है. उन्होंने पर्दे पर सौम्य, शांत और प्यार करने वाली मां का बखूबी चित्रण किया. 1953-54 में सुलोचना की ‘भाभी की चूड़ियां’, ‘मीठ भाकर’, ‘शक्ति जौ’ बहुत लोकप्रिय रहीं. इसके बाद उनके प्रदर्शन का ग्राफ ऊपर की ओर बढ़ता चला गया.
‘संगत्ये आइका’, ‘मोलकरीन’, ‘मराठा टिटुका मेलवावा’, ‘साढ़ी मनसम’, ‘एकती’ सुलोचना दीदी के करियर की सबसे यादगार फिल्में रहीं. सुलोचना दीदी ने मराठी फिल्म उद्योग को मशहूर करने के बाद हिंदी सिनेमा में अपने अभिनय की छाप छोड़ी.
सुलों की दीदी की यह फिल्म लोकप्रिय हुई
मोतीलाल के साथ उनकी फिल्म ‘मुक्ति’ भी लोकप्रिय हुई थी. उसके बाद उन्होंने पृथ्वीराज कपूर, नजीर हुसैन, अशोक कुमार के साथ सह-कलाकार के रूप में भी काम किया. बतौर हीरोइन उन्होंने 30 से 40 फिल्में की होंगी. उन्होंने 1959 में आई फिल्म ‘दिल देके देखो’ में पहली बार मां का किरदार निभाया था. उसके बाद 1995 तक उन्होंने कई प्रमुख अभिनेताओं की ‘मां’ की भूमिका निभाई. उन्होंने मराठी में 50 और हिंदी में 250 फिल्में की हैं. सुलोचना दीदी को 1999 में ‘पद्मश्री’ और 2009 में ‘महाराष्ट्र भूषण’ से सम्मानित किया गया था.