मुंबई। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध चले ‘जन लोकपाल आंदोलन’ का हिस्सा रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को विडंबनापूर्ण बताया है। उन्होंने इस मामले की गहन जांच और दोषियों को सजा देने की मांग भी की है।
अन्ना हजारे ने क्या कुछ कहा?
अन्ना हजारे ने एक बयान में केजरीवाल पर करोड़ों देशवासियों के विश्वास को धोखा देने का आरोप लगाया है और अफसोस जताया है कि उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने 2011 के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को नष्ट कर दिया। अन्ना ने कहा,
मैं दिल्ली सरकार की शराब नीति से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से बहुत दुखी हूं। यह विडंबना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जन लोकपाल आंदोलन’ के मेरे सहयोगी को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि पिछले दशक की शुरुआत में ‘जन लोकपाल’ की मांग एक जन आंदोलन बन गई थी, जिसने उस समय की कांग्रेस के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार को हिलाकर रख दिया था। अन्ना हजारे, अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया आंदोलन के प्रमुख चेहरे बनकर उभरे थे। बाद में केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (AAP) बनाई और सिसोदिया के साथ चुनाव जीते। हालांकि, आंदोलन के राजनीतिक रूप लेने के बाद हजारे ने खुद को इससे अलग कर लिया था।
हजारे ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जन लोकपाल आंदोलन का राजनीतिक विकल्प असफल हो गया है और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन नष्ट हो गया है। महाराष्ट्र के अहमद नगर जिले में रहने वाले अन्ना हजारे के अनुसार, उन्होंने केजरीवाल को लिए अपने पत्र में उनकी (केजरीवाल की) पुस्तक ‘स्वराज’ में उत्पाद शुल्क नीति के संबंध में लिखे गए ‘मॉडल कोड’ के बारे में याद दिलाया था। हजारे ने कहा,
ED की कस्टडी में केजरीवाल
सनद रहे कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया है।