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करनाल: भारतीय किसान यूनियन (चारुनी) से जुड़े किसानों ने सुप्रीम कोर्ट के मुस्तरका मालिकान भूमि (शामलात भूमि) को लेकर अप्रैल में दिए फैसले को ध्यान में रखते हुए भूमि अधिनियम में संशोधन की उनकी मांग को नजरअंदाज करने पर 25 और 26 अगस्त को राज्य के सभी मंत्रियों के आवास पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है। यह निर्णय कुरुक्षेत्र जिले के पिहोवा में आयोजित राज्य स्तरीय महापंचायत में लिया गया।
बैठक के दौरान बीकेयू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चारुनी ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के 7 अप्रैल के आदेश के बाद किसानों से हजारों एकड़ खेती योग्य जमीन छीनने की योजना बना रही है। जबकि शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया था कि देह शामलात और जुमला मलकान जमीन या गांवों में आम जमीन है। न तो मालिकों के बीच पुनर्विभाजित किया जा सकता है और न ही बेचा जा सकता है।
उन्होंने कहा, “हमने हरियाणा के सभी मंत्रियों के आवासों के बाहर दो दिन की पंचायत आयोजित करने का फैसला किया है। पंचायत 25 अगस्त को सुबह 10 बजे शुरू होगी और 26 अगस्त को शाम 5 बजे तक चलेगी। उन्होंने कहा, “यदि मंत्रियों ने राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर किसानों के पक्ष में कानून लाने का कोई आश्वासन नहीं दिया तो प्रदर्शनकारी भाजपा पार्टी का पुतला फूंकेंगे और एक सितंबर को कुरुक्षेत्र में राज्य स्तरीय बैठक बुलायी जायेगी।”
उन्होंने किसानों से अपने जिलों में मंत्रियों के आवास पर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आग्रह किया और कहा कि आसपास के जिलों के किसान भी इसमें शामिल होंगे। किसानों ने सरकार पर उनकी चिंताओं से मुंह मोड़ने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने सभी विधायकों को 16 अगस्त को पहले ही ज्ञापन सौंप दिया था लेकिन उन्हें अभी तक कोई जवाब नहीं मिला।