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हिसार। प्रदेश के 22 जिलों से पांच जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों में लंपी स्किन डिजीज (एलएसडी) ने अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। इन छह जिलों में गुरुग्राम, झज्जर, मेवात, पानीपत, रेवाड़ी और सोनीपत शामिल हैं। जबकि शेष 16 जिले ऐसे हैं जहां एलएसडी बीमारी पशुओं को संक्रमित कर रही है। इसके साथ ही गोशालाओं के पशुओं को बहुतायात में नुकसान पहुंचा रही है।
अभी तक की रिपोर्ट पर गौर करें तो करनाल में सर्वाधिक 513 गांव एलएसडी बीमारी से ग्रसित हैं। जिनमें से 1118 गायें अभी तक संक्रमित मिल चुकी हैं। जबकि यहां पांच गायों की मौत हो चुकी है। इसी प्रकार दूसरे गांवों में यमुनानगर में 446 गांवों में यह बीमारी फैल चुकी है। जिसमें छह तो गोशालाएं हैं। यहां पर गायों में 9033 मामले पाए गए हैं जिसमें से 621 गोशाओं में गायों के हैं।
जिले- गांव प्रभावित- गोशालाएं- गायें संक्रमित मिली
अंबाला- 224- 8- 1340
भिवानी- 55- 1- 133
चरखीदादरी- 3- 3- 1
फरीदाबाद- 18- 0- 55
फतेहाबाद- 123- 22- 642
गुरुग्राम- 0- 0- 0
हिसार- 4- 1- 10
झज्जर- 0- 0- 0
जींद- 73- 11- 201
कैथल- 217- 21- 970
करनाल- 513- 27- 1118
कुरुक्षेत्र- 290- 21- 2358
महेंद्रगढ़- 34- 6- 59
मेवात- 0- 0- 0
पलवल- 52- 8- 147
पंचकूला- 109- 8- 761
पानीपत- 0- 0- 0
रेवाड़ी- 0- 0- 0
रोहतक- 1- 2- 1
सिरसा- 192- 60- 2304
सोनीपत- 0- 0- 0
यमुनानगर- 446- 6- 9033
कैसे होती है लंपी स्किन डिजीज
लंपी स्किन डिजीज गायों, भैंसों में एक तेजी से फैलने वाली विषाणुजनित बीमारी है। यह बीमारी पशुपालकों के आर्थिक नुकसान का प्रमुख कारण है। इस बीमारी से सभी आयु की गायें प्रभावित होती हैं। विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन ने इस ट्रांसबाउंड्री बीमारी को नोटिफाइ डिजीज की श्रेणी में रखा है। लंपी डिजीज का वायरस इंसानों में चिकनपाक्स फैलाने वाले वायरस के जैसा होता है।