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मथुरा. मथुरा रेलवे स्टेशन पर RPF (रेलवे सुरक्षा बल) के सिपाहियों के कहने पर एक महिला ने पति को सीपीआर दिया जिससे उसकी जान बच गई। दरअसल चलती ट्रेन में एक यात्री को हार्ट अटैक आया था। स्टेशन पर ट्रेन के रुकते ही यात्री को प्लेटफॉर्म पर लाया गया, लेकिन तब तक उनकी सांसें उखड़ने लगी थीं।
सूचना मिलने पर मौके पर RPF सिपाही अशोक कुमार पहुंचे। उन्होंने यात्री की पत्नी से कहा कि वे अपने पति को सीपीआर यानी मुंह से सांस दें। इसके बाद पत्नी 33 सेकंड तक सीपीआर देकर पति को मौत के मुंह से खींच लाईं। सिपाही ने खुद यात्री की हथेलियां रगड़ीं और बाद में हार्ट में पंपिंग की। जिंदगी और मौत के बीच चल रही इस जद्दोजहद का वीडियो भी सामने आया है।
निजामुद्दीन से कोझिकोड की यात्रा कर रहा था यात्री
कोयंबटूर एक्सप्रेस ट्रेन से 67 साल के केशवन अपनी पत्नी दया के साथ दिल्ली से कोझिकोड जा रहे थे। ट्रेन के B4 कोच की सीट संख्या 67-68 पर यात्रा कर रहे केशवन की अचानक तबीयत खराब हो गई। इसके बाद उन्हें अन्य यात्रियों ने मथुरा स्टेशन पर उतारा और RPF को सूचना दी।
सिपाहियों ने यात्री को पहुंचाया अस्पताल
RPF के सिपाही अशोक कुमार और निरंजन सिंह ने कंट्रोल रूम को सूचना देकर एंबुलेंस भेजने के लिए पहले ही कह दिया था। CPR के बाद यात्री केशवन को स्ट्रेचर से बाहर लाकर एंबुलेंस से रेलवे अस्पताल भेजा गया। जहां डॉक्टरों ने गंभीर हालत देखकर रेफर कर दिया। इसके बाद जवानों ने उन्हें शहर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया।
डॉ. दिलीप कुमार कौशिक ने बताया कि केशवन का हार्ट और लंग्स से संबंधित इलाज चल रहा है। ऑक्सीजन लेवल मेंटेन किया जा रहा है। केशवन की पत्नी दया ने बताया कि हम केरल जिले के कासरगोड के रहने वाले हैं। दो हफ्ते पहले 80 लोगों के ग्रुप में चार धाम यात्रा पर उत्तराखंड गए थे। केशवन का बेटा नीरज भी सहारनपुर में डॉक्टर है। सूचना मिलने पर वह भी मथुरा पहुंच गया है।
पत्नी ने RPF सिपाहियों का जताया आभार
RPF सिपाहियों के सहयोग से मौके पर दी गई CPR और उसके बाद अस्पताल भेजने में की गई मदद से केशवन की जान बच गई। इस पर पत्नी दया और ट्रेन में यात्रा कर रहे अन्य यात्रियों ने RPF के जवानों का आभार जताया।