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लखनऊ: यूपी विधानसभा में समाजवादी पार्टी की हार से निराश मुस्लिम वोटरों का झुकाव अब भारतीय जनता पार्टी की ओर दिखाई दे रहा है. हाल ही में लखीमपुर खीरी की गोला सीट पर हुए उपचुनाव के आंकड़े कुछ ऐसा ही संकेत दे रहे हैं. इसमें मुस्लिम बाहुल्य कुछ बूथों पर सत्ताधारी पार्टी भाजपा के वोटों पर अच्छी खासी बढ़ोतरी देखी गई है.
लखीमपुर की गोला सीट और दानिश आजाद अंसारी का दावा
उत्तर प्रदेश में 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में लखीमपुर की गोला सीट के मुस्लिम बाहुल्य कुछ बूथों पर जहां भाजपा को महज कुछ वोट मिले थे, वहीं उपचुनाव में उसने अच्छा प्रदर्शन किया है. भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा के महामंत्री और यूपी सरकार के मंत्री दानिश आजाद अंसारी भी इसका दावा कर रहे हैं. प्रदेश की भाजपा सरकार के अल्पसंख्यक मंत्री दानिश आजाद अंसारी कहते हैं कि आजमगढ़ और रामपुर में लोकसभा उपचुनाव हुए. उसमें रामपुर में 50 प्रतिशत मुस्लिम वोटर हैं. इसके आलावा आजमगढ़ में भी मुस्लिम वोटरों की संख्या बहुत अधिक है. दोनों सीटों पर भाजपा को जीत मिली है. इसका तात्पर्य है कि मुस्लिम वोटर का रुझान भाजपा की ओर हो रहा है.
बूथ पर बदलाव
चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार विधानसभा चुनाव 2022 में लखीमपुर के हमीदाबाद बूथ पर सपा को 214 और भाजपा को 142 मत प्राप्त हुए थे. ऐसे ही ताजपुर में भाजपा को 166 और सपा को 321 मत मिले थे. भाजपा के अरविंद गिरी ने ये सीट जीती थी. उनके निधन से खाली हुई सीट पर अभी हाल में हुए उपचुनाव में भाजपा ने उनके बेटे अमन गिरी को उम्मीदवार बनाया था. इस बार उपचुनाव में इन्ही बूथों पर भाजपा को सपा से ज्यादा वोट मिले हैं. हमीदाबाद में भाजपा को 318 और सपा को 187 वोट मिले. इसी तरह ताजपुर में भाजपा को 280 और सपा को 218 वोट मिले.
दानिश आजाद कहते हैं कि अभी हाल में हुए गोला के उपचुनाव में अल्पसंख्यक बूथों पर भाजपा उम्मीदवार को अच्छा वोट मिला है. उन्होंने दावा किया कि 2022 के चुनाव में बूथ संख्या 158 में 96 वोट कमल को मिले थे, वहीं उपचुनाव में 294 मिले हैं. रसूलपुर में 468 वोट 2022 में मिले थे, लेकिन अभी हाल में हुए उपचुनाव 1077 वोट मिले हैं.
ट्रेंड आगे जारी रहा तो क्या होगा
राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो अगर यही ट्रेंड आगे भी जारी रहा तो मुख्य विपक्षी दल सपा को अभी उपचुनाव में काफी नुकसान उठाना पड़ेगा. मैनपुरी और खतौली में मुस्लिमों की संख्या ठीक-ठाक है तो रामपुर विधानसभा में यही हार-जीत तय करेंगे. अगर उपचुनाव में मुस्लिम मतदाताओं का रूझान भाजपा की ओर हो रहा है, तो विपक्षी दलों के लिए यह खतरे की घंटी है.
सपा का जवाब
उधर, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता डाक्टर आशुतोष वर्मा की मानें तो जब-जब चुनाव आते हैं तो भाजपा सांप्रदायिक आग लगाती है, चुनाव में 80-20 की बात किसने की थी, भाजपा के नेताओं ने मुस्लिम को टारगेट किया. मुस्लिमों को यह लोग चुनाव में याद करते हैं. मुस्लिम जानते हैं कि उनका भला किस पार्टी से हो सकता है, वो सिर्फ वोटर नहीं देश का नागरिक भी हैं.
क्या कहते हैं जानकार
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में करीब 20 फीसदी मुस्लिम मतदाता हैं और सूबे की कुल 143 सीटों पर मुस्लिम अपना असर रखते हैं. इन पर ध्यान देते हुए भाजपा ने अपनी रणनीति बनाना शुरू किया है. केंद्रीय नेताओं ने पिछड़े पसमांदा मुस्लिमों को अपने पाले लाने के लिए तरह तरह की योजनाएं बनाई हैं. कई जगह मुस्लिम सम्मेलन भी आयोजित करा चुकी है जिसमें प्रदेश सरकार के मंत्री और केंद्रीय वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत की है.