ऑस्ट्रेलिया से आयी मालदार महिला को हुआ पुजारी से प्यार, बच्चे के साथ जीती है अब ऐसी जिंदगी

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भारत की असली पहचान अपनी सँस्कृति की वजह से जानी जाती है। विदेशी लोग भी अब भारत की संस्कृति को देखते हुए भारत में अपना घर बसा कर रहना चाहते हैं। विदेशी महिलाओं के भारतीय से शादी के किस्से तो कई बार सुने होंगे परंतु आज एक ऐसा किस्सा आपको बताने जा रहे हैं। जहां उत्तराखंड के श्रीनगर के प्रसिद्ध पैठण धारा देवी मंदिर में हिंदू रीति रिवाज के अनुसार एक योगी सिद्धनाथ महाराज बर्फानी दास बाबा के साथ तलाकशुदा ऑस्ट्रेलियन महिला जूलिया ने शादी रचाई।

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ऑस्ट्रेलियन महिला जूलिया का परिचय
दरअसल जूलिया को भारत की संस्कृति बहुत पसंद आई यहां के रीति रिवाज उन्हें भाने लगा था जिस वजह से उन्होंने यहां शादी करके बसने का मन बनाया। उन्होंने बताया कि वह योग विद्या और मेडिटेशन से प्रभावित थी ऑस्ट्रेलिया में उनका खुद का आश्रम है जो शांति द्वार नामक से जाना जाता है। जूलिया ऑस्ट्रेलिया में भी लोगों को योग और मेडिटेशन सिखाती थी।
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योग विधा के लिए विदेश से भारत का रुख
योग विद्या में पारंगत होने के कारण जूलिया ने भारत आने का मन बनाया भारत आने के बाद उन्हें पता चला कि योग विद्या का प्रदेश यानी देव भूमि उत्तराखंड है इसलिए वह उत्तराखंड के लिए निकल पड़ी जहां पर उनकी मुलाकात बद्रीनाथ मैं एक बाबा से हूई उसके बाद से जूलिया चमोली के महेश्वर आश्रम में रहने लगी ताकि वह बाबा से योग विद्या और ध्यान विद्या सीख पाए।

जूलिया और महाराज बर्फानी दास की शादी
दो बेटों की मां है जूलिया जिसमें बड़ा बेटा ऑस्ट्रेलिया में रहकर पढ़ाई करता था तो छोटा बेटा उनके साथ था जो की केवल 4 वर्ष का था। उनके छोटे बेटे ने महाराज बर्फानी दास को पिता बोलने लगा था।

जिस वजह से जूलिया ने बर्फानी दास से शादी करने के बारे में सोचा और बाबा के आगे यह प्रस्ताव रखा। जिसके बाद सिद्ध नाथ महाराज बर्फानी दास की शादी और जूलिया की शादी पूरे हिंदू रीति रिवाज से कराई गई।

अपना और अपने बेटों के नाम में परिवर्तन
जुलिया ने शादी के बाद हिंदू रिवाज के अनुसार अपना नाम ऋषिवन रखा और अपने दोनों पुत्रों का नाम बदलकर विद्वान और विशाल रख दिया। जूलिया ने एमबीए किया हुआ है उसके बावजूद उन्हें भारतीय रीति-रिवाजों और श्रद्धा में अटूट विश्वास है।

एक पत्र के जरिए उन्होंने बाबा सिद्ध नाथ महाराज के चमोली स्थित आश्रम में बिजली की व्यवस्था ना होने पर उसको ठीक कराए जाने की मांग की है और साथ ही वह यह भी बताना चाहती है कि आने वाले समय में वह लोगों को ऑस्ट्रेलिया से चमोली में लेकर आएगी और उन्हें योग का महत्व समझाएगी ।