Aliens की होगी इंसानों से होगी बात! NASA ने Space में भेजे सिग्नल, 6 साल में आएगा जवाब

Aliens will talk to humans! NASA sent signal in space, answer will come in 6 years
Aliens will talk to humans! NASA sent signal in space, answer will come in 6 years
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Aliens may contact Earth: स्पेस एजेंसी नासा की ओर से दावा किया जा रहा है कि वर्ष 2029 तक इंसानों ने एलियंस रेडियो सिग्नल के जरिए संपर्क कर सकेंगे। कैलिफोर्निया और लॉस एंजिल्स यूनिवर्सिटी के साइंटिस्ट्स के अनु्सार, नासा के साइंटिस्ट्स का एक दल ने पृथ्वी से 27 प्रकाश वर्ष दूर इसके अध्ययन के लिए सिग्नल भेजे हैं। शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 2002 में जांच के लिए भेजे गए सिग्नल को एक्सट्रैटरैस्ट्रियल्स (दूसरी दुनिया के जीव) ने इंटरसेप्ट किया होगा, जिसे बाद में 2029 तक पृथ्वी तक वापस भेजे जाने की उम्मीद है।

नासा के साइंटिस्ट्स का दावा है कि एजेंसी के अंतरिक्ष यान को भेजे गए रेडियो सिग्नल चार ग्रहों तक पहुंच चुके हैं। अगर ऐसे सिग्नल का कोई भी एलियन जवाब देता है तो अगले कुछ वर्षों में इसे पृथ्वी पर सुना भी जा सकेगा। स्पेस एजेंसी से साइंटिस्ट्स ने कहा कि अगर एलियंस अंतरिक्ष यान के आस-पास हैं और रेडियो सिग्नल के कमांड संकेतों को समझने में सक्षम हो सकेंगे तो 2029 की शुरुआत में पृथ्वी पर एलियंस की आवाज सुनी जा सकेगी।

एलियंस के लिए नासा का जाल
स्पेस एजेंसी नासा वर्ष 1972 से ही स्पेस में रहस्यमयी अंतरिक्षयान (UFOs) को ट्रैक करने की कोशिश कर रहा है। एलियंस से संपर्क करने के लिए शक्तिशाली रेडियो सिग्नल भेजने के लिए डीप स्पेस नेटवर्क (DSN) नामक रेडियो एंटीना की एक प्रणाली का उपयोग किया है। एलियंस को ट्रैक करने और उनकी आवाज को पृथ्वी तक लाने के लिए दुनिया के कई संस्थानों के साइंटिस्ट प्रयासरत हैं।

रेडियो सिग्नल के जरिए होगा संपर्क
नासा की टीम के साथ इसके लिए कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले में हॉवर्ड इसाकसन और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिल्स में रेली डेरिक एक बड़ा प्रयोग किया है। रेडियो सिग्नलों के जरिए एलियंस तक पहुंचने की प्रक्रिया पर साइंटिस्ट्स का फोकस है।

अब तक नासा ने क्या किया?
साइंटिस्ट्स को उम्मीद है कि जल्द ही उम्मीद है कि रेडियो सिग्नल के जरिए जल्द ही अलौकिक जीवों द्वारा इंटरसेप्ट किया जा सकेगा। वे अपनी प्रतिक्रिया भी पृथ्वी तक पहुंचाने में सक्षम होंगे। जिसका अर्थ ये है कि इंसान एलियंस से बात करने में सक्षम होगा। इसके लिए नासा के प्रयास काफी आगे बढ़ चुके हैं। 2002 में नासा ने पायनियर मिशन के तहत 12 रेडियो तरंगें स्पेस में भेजीं थीं। जिसका सिग्नल पृथ्वी से लगभग 27 प्रकाश-वर्ष स्थित एक तारे तक भी पहुंचा था। इसके अलावा शोधकर्ताओं की टीम ने पृथ्वी से वायेजर 1, वोयाजर 2, पायनियर 10, पायनियर 11 और न्यू होराइजन्स अंतरिक्ष यान को भेजे गए संकेतों की जांच की। उन्होंने यह दर्शाते हुए एक नक्शा बनाया कि ब्रह्मांड में छोड़े जाने पर सिंग्नल कहां तक फैल सकते हैं।

DSN के जरिए रेडियो सिग्नल का प्रसार
ये अंतरिक्ष यान डीप स्टेशन नेटवर्क (DSN) रेडियो एंटेना के साथ संचार कर रहे हैं। वैज्ञानिक और टेलीमेट्री डेटा डाउनलोड कर रहे हैं। डीएसएन नासा का बड़े पैमाने पर रेडियो एंटेना का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है जो इंटरप्लेनेटरी अंतरिक्ष यान मिशनों के साथ-साथ कुछ पृथ्वी-परिक्रमा उपग्रहों का समर्थन करता है। एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी के प्रकाशन में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि वायेजर 2, पायनियर 10 और पायनियर 11 को भेजे गए प्रसारण पहले ही कम से कम एक तारे के संपर्क में आ चुके हैं। टीम का अनुमान है कि 2029 तक वे दूसरी दुनिया के जीवों (Aliens) से संपर्क करने में सक्षम होंगे।