बिहार के सोनू कुमार का सपना साकार करेगा कोटा का एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट

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Rajasthan News: कोचिंग सिटी कोटा के एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट (ALLEN Career Institute) ने पहल करते हुए बिहार के बालक सोनू कुमार (Sonu Kumar) का कॅरियर संवारने की घोषणा की है. निदेशक बृजेश माहेश्वरी ने बताया कि कुछ दिन पूर्व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar Chief Minister Nitish Kumar) के साथ सोनू संवाद करते वीडियो नजर में आया था. 5वीं क्लास में पढ़ने वाले 11 वर्षीय बच्चे की जिजीविषा और आगे बढ़ने की ललक देखते ही बनी. छोटी उम्र में तेज दिमाग और लक्ष्य के प्रति अडिग दिख रहे सोनू को एलन ने गोद लेने का फैसला किया है और कहा कि उसकी शिक्षा में कोई बाधा नहीं आने दी जाएगी.

निदेशक ने कहा कि हम चाहते हैं प्रतिभावान बच्चों के सपने नहीं टूटें, धन या संसाधनों की अनुपलब्धता के चलते रुकना नहीं चाहिए. सोनू ने बृजेश माहेश्वरी के साथ लाइव जुड़कर अपनी जिज्ञासाओं को सामने रखा और कहा कि परिवार के साथ कोटा आकर देखेगा. सोनू ने पढ़ाई मातृ भाषा में करने की इच्छा जताई. उसका कहना है कि हिन्दी में पढ़ाई होने से समझना आसान हो जाता है. बृजेश माहेश्वरी ने पढ़ाई हिन्दी माध्यम से सोनू को करवाने का आश्वासन दिया. सोनू के परिजनों ने कहा कि पढ़ाई जारी रहखकर ये जरूर सपने पूरे करेगा.

सोनू बिहार में नालंदा जिले के छोटे से गांव का निवासी है. हैरान करने वाली बात है कि सोनू पांचवीं में पढ़ता है और इसी कक्षा तक के छात्रों को पढ़ाकर जीविका भी चलाता है. उसके गांव में करीब 100 मकान हैं और गांव में संसाधनों का अभाव है. लाइव कार्यक्रम के दौरान सोनू ने पूछा कि क्या आप मुझे प्रधानमंत्री से मिलवा सकते हो? सवाल के जवाब में माहेश्वरी ने प्रधानमंत्री से मिलवाने का भरोसा दिलाया. माहेश्वरी ने कहा कि इसके लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे.

गुदड़ी के लाल की स्कॉलरशिप के तहत भी मदद की जाती है. इस स्कीम के तहत इंजीनियरिंग और मेडिकल में ग्रेजुएशन प्रोग्राम की पढ़ाई करने वाले निर्धन परिवार के प्रतिभावान छात्रों को प्रतिमाह चार वर्ष तक स्कॉलरशिप दी जाती है. एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट की तरफ से कोविड की द्वितीय लहर में परिजनों को खो चुके बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा की घोषणा भी की गई. इसके तहत पूरे भारत में कोविड के चलते माता-पिता को खोने वाले छात्रों को निशुल्क शिक्षा दी जा रही है.

देश की रक्षा में समर्पित सैनिकों के जज्बे को नमन करते हुए शहीदों के बच्चों को कोटा में निशुल्क शिक्षा की व्यवस्था है. देश में पुलवामा, कारगिल और अन्य युद्धों में या सीमा की रक्षा करते समय शहीद हुए सैनिकों के बच्चों को शौर्य छात्रवृत्ति देते हुए निशुल्क शिक्षा दी जा रही है. पुलवामा शहीदों के बच्चों के आवास और भोजन की व्यवस्था भी देखी जा रही है. इसके अलावा सेना में कार्यरत या सेवानिवृत्त जवानों के बच्चों को भी रियायती शुल्क पर शिक्षा देने का प्रावधान है.