राजस्थान में ठंड को लेकर बड़ी खबर, मौसम विभाग ने फरवरी तक…

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बीकानेर। अब तक का ट्रेंड है कि राजस्थान में मकर सक्रांति के बाद ठंड का असर कम हो जाता है। यदि आप भी ऐसा ही मानकर चल रहे हैं तो सावधान रहिएगा। इस साल ठंड इतनी जल्दी नहीं जाने वाली है, उल्टा ठंड कम होने की बजाय बढ़ेगी। इसका असर फरवरी तक रहेगा। एक्सपर्ट का दावा है कि उदयपुर के अलावा प्रदेश के अन्य संभाग में सर्दी का असर ज्यादा रहेगा। भरतपुर में बारिश की भी संभावना है। पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर का कुछ हिस्सा और बाड़मेर में तापमान बढ़ सकता है, लेकिन अन्य हिस्सों में ठंड पड़ेगी। यहां न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस रहेगा।

मौसम विभाग के मुताबिक सर्दी का असर आने वाले दिनों में उत्तरी भारत से पश्चिमी भारत तक रहेगा। राजस्थान के जयपुर, बीकानेर, भरतपुर, अजमेर, अलवर, जोधपुर सहित अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री के आस-पास रह सकता है। इस बीच अगर एक बार फिर वेस्टर्न डिस्टरबेंस बनता है तो बारिश होगी। इसके साथ ही न्यूनतम तापमान बढ़ेगा।

सक्रांति से पहले यलो अलर्ट
मौसम विभाग ने पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान के लिए अलग-अलग यलो अलर्ट जारी किया है। इसमें पश्चिमी राजस्थान में बीकानेर संभाग के चार जिले बीकानेर, हनुमानगढ़, चूरू और श्रीगंगानगर में येलो अलर्ट है। यहां दिन में शीतलहर चल सकती है, घना कोहरा भी रहेगा। इसके अलावा पूर्वी राजस्थान के अलवर, भरतपुर, झुंझुनूं, सीकर, दौसा और करौली में भी शीतलहर चल सकती है।

माउंट आबू में सर्दी ने 15 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
हिल स्टेशन माउंट आबू में इन दिनों कड़ाके की सर्दी से पड़ रही है। गुरुवार रात सर्दी ने 15 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। माउंट में न्यूनतम तापमान माइनस 5 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। माउंट आबू में पिछले साल 29 जनवरी को न्यूनतम तापमान माइन 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। माउंट आबू में पिछले 6 दिनों से लगातार पारा जमाव बिंदु से नीचे ही दर्ज किया जा रहा है। कड़ाके की सर्दी और शीतलहर ने लोगों को ठिठुरा दिया है। अधिकतम तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है।

वेस्टर्न डिस्टरबेंस बिगाड़ सकता है मौसम का गणित
दक्षिण पश्चिम राजस्थान में हवाओं का चक्रवात बन रहा है। इन हवाओं को अरब सागर से नमी मिल रही है। इधर, पश्चिम की ओर से आनी वाली हवा भी नमी लेकर आ रही है। ऐसे में राजस्थान में बने चक्रवात को अरब सागर से नमी मिलना कम हो गई है। इसलिए पश्चिम की ओर से आने वाली हवाएं अब उत्तर पूर्व की ओर बढ़ चली हैं। जो उत्तर प्रदेश, विदर्भ आदि क्षेत्र की ओर बारिश कराएगा। यदि यह वेस्टर्न डिस्टरबेंस बनता है तो राजस्थान में बारिश हो सकती है, हालांकि अभी इसकी उम्मीद नजर कम आ रही है।