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Nirmala Sitharaman: पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग दिन पर दिन जोर पकड़ रही है. राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा कर दी है. इसके अलावा गुजरात चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने सत्ता में आने पर पुरानी पेंशन को बहाल करने का वादा किया है. इसी सिलसिले में श्रमिक संगठनों ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) बहाल करने के साथ ही असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए एक विश्वसनीय सामाजिक सुरक्षा ढांचा तैयार करने की मांग रखी है.
ई-मेल में बजट को लेकर अपनी मांगें रखीं
दस श्रमिक संगठनों के संयुक्त मंच ने वित्त मंत्रालय को भेजे एक ई-मेल में अगले बजट को लेकर अपनी मांगें रखीं. हालांकि, इन संगठनों ने बजट-पूर्व चर्चा के लिए बुलाई गई ऑनलाइन बैठक में शिरकत नहीं की. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में ओपीएस (OPS) को खत्म कर जनवरी, 2004 से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को लागू किया गया था. एनपीएस (NPS) अंशदान पर आधारित पेंशन योजना है और इसमें महंगाई भत्ते का कोई प्रावधान नहीं होता.
आमने-सामने की बैठक की मांग
एनपीएस के तहत कर्मचारियों को कम मात्रा में पेंशन मिलने की शिकायतें बढ़ने के बाद श्रमिक संगठनों ने ओपीएस को ही फिर से लागू करने की मांगें तेज कर दी हैं. श्रमिक संगठनों के मंच ने कहा, ‘सरकार अपनी तरफ से अंशदान देकर एनपीएस की जगह पुरानी पेंशन व्यवस्था फिर से लागू करे.’ इन संगठनों ने वित्त मंत्री के साथ आमने-सामने की बैठक की मांग करते हुए ऑनलाइन बैठक में हिस्सा नहीं लिया. हरेक संगठन को अपने क्षेत्र से जुड़ी मांगें रखने के लिए तीन-तीन मिनट का वक्त दिया गया था.
बजट-पूर्व परामर्श बैठक में शामिल हुए ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर (TUCC) के महासचिव एस पी तिवारी ने भी कहा कि बैठक में एनपीएस की जगह ओपीएस बहाली की मांग की गई. इसके साथ ही न्यूनतम पेंशन की राशि को 1,000 रुपये से बढ़ाकर 5,000 रुपये करने की मांग भी की गई.
भारतीय मजदूर संघ (BMS) ने कहा कि न्यूनतम पेंशन की राशि बढ़ाने के साथ ही उसे महंगाई भत्ते से भी जोड़ा जाए ताकि पेंशनभोगियों की जरूरतें पूरी हो सकें. बीएमएस ने सरकार से असंगठित क्षेत्रों को अधिक राशि आवंटित करने की भी मांग की. इसके अलावा आंगनवाड़ी, आशा और मध्याह्न भोजन योजना से जुड़े कामगारों को मासिक मानदेय बढ़ाने की भी मांग की गई है.