शिवराज को एक और झटका देगी बीजेपी! अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के दबदबे की बारी, दिल्ली से आएगा चौंकाने वाला फैसला

BJP will give another blow to Shivraj! Now it's Jyotiraditya Scindia's turn to dominate, shocking decision will come from Delhi
BJP will give another blow to Shivraj! Now it's Jyotiraditya Scindia's turn to dominate, shocking decision will come from Delhi
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भोपाल: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद बीजेपी ने शिवराज सिंह चौहान को सबसे बड़ा झटका दिया। इस बार पार्टी ने शिवराज सिंह चौहान की जगह मोहन यादव को सीएम बनाया है। अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि मोहन यादव की कैबिनेट में भी शिवराज सिंह चौहान को झटका लग सकता है। मोहन यादव की कैबिनेट में उन नेताओं को बाहर किया जा सकता है जो शिवराज सिंह के मंत्रिमंडल में शामिल थे। चौंकाने वाले फैसले लेने में माहिर बीजेपी मंत्रिमंडल में नए चेहरों को मौका दे सकती है।

मंत्रिमंडल के गठन के लिए आज सीएम मोहन यादव दिल्ली जाएंगे। पार्टी हाई कमान से मुलाकात कर कैबिनेट विस्तार में शामिल होने वाले नेताओं को नाम फाइनल होने की संभावना है। सीएम के अलावा पार्टी प्रदेश अध्यक्ष, संगठन महामंत्री को भी दिल्ली बुलाया गया है। वहीं, दूसरी तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया का दबदबा मोहन यादव की कैबिनेट में दिखाई पड़ सकता है। माना जा रहा है कि सिंधिया खेमे के कई विधायकों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है।

शिवराज को क्यों लगेगा झटका?
बीजेपी ने जिस तरह से सीएम पद को लेकर चौंकाया था उसके बाद से माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल में भी चौंकाने वाले नाम हो सकते हैं। बीजेपी नई पीढ़ी के नेताओं को मौका दे रही है। ऐसे में पार्टी के कई सीनियर नेताओं का मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना कम है। शिवराज कैबिनेट के 12 मंत्री इस बार चुनाव हार गए हैं। ऐसे में पार्टी नए चेहरों को मौका दे सकती है। वहीं, जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन के लिए कुछ पुराने चेहरों को फिर से मौका दे सकती है। हालांकि अटकलें हैं कि शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में शामिल नेताओं को कैबिनेट में जगह नहीं दी जाएगी।

सिंधिया का दबदबा क्यों?
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी सीएम पद के रेस में था। सिंधिया खेमे के कई नेता चुनाव हारे हैं। हालांकि सिंधिया के लिए राहत की बात ये है कि उनके खेमे के नए चेहरे चुनाव जीतकर आए हैं। माना जा रहा है कि सिंधिया गुट को साधने के लिए मोहन यादव की कैबिनेट में तीन से चार नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। सिंधिया खेमे से तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और प्रभुराम चौधरी को जिम्मेदारी दी जा सकती है।

अटकलें ये भी लगाई जा रही हैं कि लोकसभा चुनाव से पहले निगम और मंडल की नियुक्तियां भी नए सिरे से की जाएंगी। निगम और मंडल में सिंधिया खेमे के नेताओं को जगह देकर उन्हें साधने की कोशिश होगी। वहीं, दूसरे गुट के नेताओं को भी साधने की कोशिश होगी। बीजेपी इस बार मंत्रिमंडल में नए और पुराने चेहरों को मौका देगी।

चौंकाने वाला होगा फैसला
बीजेपी अक्सर चौंकाने वाले फैसले लेने के लिए जानी जाती है। माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल के विस्तार में भी बीजेपी नए चेहरों को मौका देकर चौंका सकती है। जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन को साधने के लिए पहली बार विधायक बने नेताओं को भी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।