- बिहार में 12 साल की बच्ची से हैवानियत, नशे का इंजेक्शन देकर चार दिनों तक गैंगरेप - May 15, 2024
- घूमने गए एक ही परिवार के चार बच्चे गंडक नदी में नहाने उतरे, डूबने से चारों की मौत, तीन के शव बरामद - May 15, 2024
- बिहार के जमीन मालिकों को बड़ी राहत, अब बिना दाखिल-खारीज के भी बेचे जा सकेंगे जमीन! - May 15, 2024
Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए वोटिंग से कुछ दिन पहले सूरत के कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने से बीजेपी प्रत्याशी की ऐतिहासिक निर्विरोध जीत हो गई थी। अब मध्य प्रदेश के इंदौर में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने खुद ही अपना नामांकन वापस ले लिया और वे अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं, जो कि कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि इंदौर में नॉमिनेशन की डेट अब निकल चुकी है।
दिलचस्प बात यह है कि इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अपना नामांकन वापस लेने के लिए इंदौर के कलेक्टरेट ऑफिस में, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और बीजेपी विधायक रमेश मंदोला के साथ गए थे। वे नामांकन वापस लेने के बाद बीजेपी दफ्तर पहुंचे और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता ले ली। गौरतलब है कि बीजेपी ने इंदौर से मौजूदा सांसद शंकर लालवानी को टिकट दिया है। आज कांग्रेस को लगे इस बड़े झटके के घटनाक्रम की जानकारी मध्य प्रदेश के दिग्गज नेता और कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया के जरिए ही दी है। जानकारी के मुताबिक अक्षय कांति बम को बीजेपी में लाने का प्लान एक होटल में बनाया गया था। प्रत्याशी अक्षय ने नाम वापसी पर अनहोनी की आशंका जताई थी और कहा कि कांग्रेसी बवाल कर देंगे। इसी के चलते मंत्री विजयवर्गीय के साथ मेंदोला की एंट्री कराई गई थी। इसीलिए उनका नामांकन रद्द कराने के लिए दोनों ही नेता कलक्टरेट दफ्तर गए थे।
इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी श्री अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @JPNadda जी, मुख्यमंत्री @DrMohanYadav51 जी व प्रदेश अध्यक्ष श्री @vdsharmabjp जी के नेतृत्व में भाजपा में स्वागत है। pic.twitter.com/1isbdLXphb
— Kailash Vijayvargiya (Modi Ka Parivar) (@KailashOnline) April 29, 2024
आखिर क्यों अक्षय बम ने छोड़ी कांग्रेस
माना जा रहा है कि अक्षय बम की पार्टी में शीर्ष नेताओं द्वारा लगातार अवहेलना की जा रही थी। खबरें यह भी हैं कि जिस वक्त वह नामांकन दाखिल करने गए थे, तो उनके साथ कोई भी बड़ा नेता नहीं था। वहीं उन्हें प्रचार में भी किसी बड़े नेता का साथ नहीं मिला था। इसके चलते ही उन्होंने एक जगह यह तक कह दिया था कि उन्हें बलि का बकरा बनाया जा रहा है। इन्हीं नाराजगियों के चलते ही उन्होंनें पार्टी छोड़ने का बड़ा फैसला ले लिया।
बता दें कि इस सीट पर अक्षय के अलावा अभी 21 उम्मीदवार हैं, और बीजेपी की कोशिश हैं कि सूरत की तरह ही इंदौर में भी पार्टी के प्रत्याशी निर्विरोध ही संसद पहुंच जाएं। इस मौके पर मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा कि अक्षय कांति बम का पार्टी में स्वागत है। लोग कांग्रेस की कार्यशैली से नाराज हैं, जो भी पार्टी में आएगा उसका स्वागत है। वहीं कांग्रेस को लगे इस झटके पर इंदौर के महापौर पुष्य मित्र भार्गव ने कहा कि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली से प्रभावित हैं ।बीजेपी इंदौर में पहले ही चुनाव जीत रही थी।