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Varanasi : अभी तक आपने फर्जी लोन ऐप के ज्यादा ब्याज पर लोन देने, रिकवरी के लिए कस्टमर्स को प्रताड़ित करने के मामले सुने होंगे, लेकिन अब इन गैरकानूनी लोन ऐप ने ठगी का नया तरीका ढूंढ निकाला है। इसके तहत जालसाज ऐसे लोगों को भी चपत लगा रहे हैं, जिन्होंने लोन लिया ही नहीं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें लोगों को बिना लोन लिए ही रिकवरी के मैसेज आ रहे हैं और उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है।
पिछले कुछ महीनों में देश के अलग-अलग जिलों में साइबर सेल के पास ऐसी शिकायत आई हैं कि उनके पास लोन की पेमेंट से जुड़ा मैसेज आ रहा है, जबकि उन्होंने कोई लोन लिया ही नहीं है। दरअसल, जालसाज कई तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। वो रैंडमली नंबर टाइप कर उन्हें मैसेज भेजते हैं, या फिर किसी कस्टमर ने लोन लिया हो और उसकी फाइल प्रोसेस के दौरान ठग ने कॉन्टैक्ट एक्सेस लेकर नंबर निकालकर मैसेज भेजते हैं। मैसेज में लिखा जाता है कि आपने जो लोन लिया था, उसकी ड्यू डेट आज है। फौरन पैसे पे करें नहीं तो आपके कॉन्टैक्ट को आपके फ्रॉड होने का कॉल और मैसेज जाएगा। मैसेज में नीचे लिंक दिया होता है।
उस मैसेज में ठग धमकी देते हैं कि अगर आप पैसे का भुगतान नहीं करेंगे तो आपकी फोटो और अन्य डिटेल आपके सभी कॉन्टैक्ट यानी मोबाइल में मौजूद सभी दोस्तों और रिश्तेदारों को शेयर करके बताया जाएगा कि आप फ्रॉड हैं और पैसे नहीं दे रहे हैं। इज्जत की परवाह करके और कानूनी पचड़े में न पड़ने के चक्कर में लोग बिना लोन लिए भी पैसे दे देते हैं। वहीं, कई लोग बस चेक करने के लिए लिंक पर क्लिक कर देते हैं। कुछ मामलों में देखा गया है कि लिंक पर क्लिक करते ही फोन हैक हो गया और ठगों ने पैसे ट्रांसफर कर लिए।
मंडुआडीह थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति के पास लोन ऐप से लिंक आया, जिस पर क्लिक करते ही उसके मोबाइल से कुछ निजी फोटो और वीडियो ऐप कंपनी के पास चले गए। इसके बाद उससे ब्लैकमेलिंग शुरू हुई। हालांकि साइबर सेल में शिकायत करने के बाद राहत मिली।
भेलूपुर थाना अंतर्गत एक कारोबारी से लोन के नाम पर मनमाना वसूली की गई। इसकी शिकायत साइबर सेल में हुई। पीड़ित ने बताया कि उसने एक लोन ऐप के लिंक पर क्लिक किया और उसके बाद ही ऑनलाइन साहूकारों ने ब्लैकमेलिंग करना शुरू कर दिया।
ये दो केस महज उदाहरण के तौर पर हैं। शहर में हर दिन दो से तीन लोग बिना कर्ज लिये ही लुट रहे हैैं। यह कारनामा किसी बैंक या फाइनेंस कंपनी का नहीं, बल्कि साइबर अपराधियों का है। साइबर अपराधियों ने लोन ऐप से ठगी का नया खेल शुरू कर दिया है। एक लाख लोन पाने के लालच में लोग लोन ऐप डाउनलोड कर लेते हैं। ऐप डाउनलोड होते ही मोबाइल का सारा डाटा चोरी हो जाता है, जिसमें फोटो, वीडियो और तमाम अहम जानकारियां शामिल होती हैं। साइबर अपराधियों के हाथ निजी फोटो या वीडियो लगते ही ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाती है। यह वसूली हजार से शुरू होकर लाख तक पहुंच जाती है।
मोबाइल ऐप इंस्टाल करते समय अनेक तरह की मंजूरी मांगी जाती है, वह दिए बिना ऐप इंस्टाल नहीं होता। लेकिन लोग बिना कुछ सोचे ये सारी मंजूरी दे देते हैं, जिससे ठगी करने वालों की तस्वीरों, वीडियो तक पहुंच आसान हो जाती है। इन्हीं की मदद से साइबर अपराध को अंजाम दिया जाता है। अपराधी पहले फर्जी बेवसाइट का लिंक भेजते हैं, लिंक पर क्लिक करने पर अगला पेज खुलता है, जिसमें खाता संख्या या कार्ड नंबर, पासवर्ड, ओटीपी आदि डालने का विकल्प होता है। सबमिट बटन पर क्लिक करते पैसे बैंक खाते से निकल जाते हैं।
ऑनलाइन साहूकार टाइप की कंपनियां भी लोन ऐप्स के लिंक पर क्लिक करते ही लोन प्रोवाइड कराती हैं, जो बाद में मनमाना तरीके से ब्याज के साथ वसूली शुरू कर देते हैं। मोबाइल ऐप से लोन लेना सूदखोर महाजन या साहूकार से कर्ज लेने से ज्यादा खतरनाक है। अधिकांश मोबाइल चीन निर्मित होते हैं, जिनका सर्वर भारत से बाहर होता है। इसलिए अधिकांश ठग विदेश से ठगी का कारोबार करते हैं। इन्हें पुलिस में शिकायत करने के बावजूद पकड़ना आसान नहीं होता है। इसलिए सावधानी ही बचाव है। ऑनलाइन ठगी करने वाले अपराधी मानसिक दबाव बनाने में दक्ष होते हैं। लेकिन डरने या घबराने के बजाय निडर होकर इनका सामना करें। अनजान नंबर से आए एसएमएस या व्हाट्सएप में दी गई लिंक पर क्लिक नहीं करें, क्योंकि इससे मोबाइल हैक हो सकता है।