BREAKING: दो नये चुनाव आयुक्त मिलते ही लोकसभा चुनाव की तारीख को लेकर बडी खबर

BREAKING: Big news regarding the date of Lok Sabha elections as soon as two new election commissioners are appointed.
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नई दिल्ली। सरकार ने गुरुवार को नए चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर अधिसूचना जारी कर दी। बता दें कि पूर्व नौकरशाह ज्ञानेश कुमार और सुखविंदर संधू को नए चुनाव आयुक्त की जिम्मेदारी संभालेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में 7 लोक कल्याण मार्ग में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर बैठक हुई। इस बैठक में ज्ञानेश कुमार और सुखविंदर संधू के नाम पर सहमति बन गई और अब सरकार ने अधिसूचना भी जारी कर दी है।

चुनाव आयोग में दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति हो गई है। इसके लिए गुरुवार को प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास पर एक बैठक हुई। बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी भी शामिल हुए।

बैठक के बाद अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि सुखबीर संधू और ज्ञानेश कुमार के नाम पर मुहर लगी है। पूर्व चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय के सेवानिवृत्त होने और अरुण गोयल के बीते दिनों इस्तीफे की वजह से चुनाव आयोग में दो चुनाव आयुक्तों के पद खाली थे।

सहकारिता मंत्रालय के सचिव रहे हैं ज्ञानेश कुमार
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल-कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं। उनका जन्म 1964 में उत्तर प्रदेश में हुआ था। मई 2016 में ज्ञानेश को गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव बनाया गया था। वहीं मई 2022 में ज्ञानेश कुमार को सहकारिता मंत्रालय का नया सचिव नियुक्त किया था। उस वक्त ज्ञानेश संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव का प्रभार संभाल रहे थे। उन्होंने सहकारिता मंत्रालय सचिव के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था। ज्ञानेश कुमार के गृह मंत्रालय में नियुक्ति के दौरान ही अनुच्छेद-370 हटा था।

तेजतर्रार अफसरों में गिने जाते हैं डॉ. सुखबीर सिंह संधू
उत्तराखंड के मुख्य सचिव रहे सुखबीर सिंह संधू भी नए चुनाव आयुक्त बनाए गए हैं। डॉ. सुखबीर सिंह संधू 1988 बैच उत्तराखंड काडर के आईएएस अधिकारी हैं। संधू मूल रूप से उत्तराखंड कैडर के अफसर हैं। संधू उत्तराखंड सरकार में कई अहम पदों पर रह चुके हैं।

ऊधमसिंह जिले के कलेक्टर रहे
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एसएएस संधू का लंबा प्रशासनिक अनुभव है। वह तेजतर्रार अफसरों में गिने जाते हैं। डॉ. संधू केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में अपर सचिव उच्च शिक्षा थे। वह 2011 तक पंजाब सरकार में प्रतिनियुक्ति पर रहे। वह ऊधमसिंह नगर जिले के पहले कलेक्टर भी रहे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जनरल बीसी खंडूड़ी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत के सचिव का दायित्व भी निभाया। बादल सरकार में वह मुख्यमंत्री के सचिव रहे। उत्तराखंड सरकार में उन्हें लोनिवि, कार्मिक, औद्योगिक विकास समेत कई महत्वपूर्ण विभागों का अनुभव रहा।

धामी ने बनाया था उत्तराखंड का मुख्य सचिव
मुख्यमंत्री बनने के बाद 2021 में पुष्कर सिंह धामी ने डॉ. सुखबीर सिंह संधू को उत्तराखंड का मुख्य सचिव बनाया था। डॉ. सुखबीर सिंह संधू दिल्ली में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। राज्य सरकार ने संधू की मूल कैडर में वापसी के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया था। संधू इससे पहले केंद्र में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के चेयरमैन थे। 2019 में उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का दायित्व सौंपा गया था। उन्होंने उत्तराखंड के 17वें मुख्य सचिव के तौर पर कार्यभार संभाला।