राजस्थान में जनवरी में आएगा बजट! सर्कुलर जारी, पढ़िए क्या है गहलोत सरकार का प्लान

Budget will come in January in Rajasthan! Circular issued, read what is the plan of Gehlot government
Budget will come in January in Rajasthan! Circular issued, read what is the plan of Gehlot government
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जयपुर. राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक के बीच सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने अगले चुनावों को लेकर तैयारियां तेज कर दी है. गहलोत सरकार इस बार तय समय से पहले बजट (Budget 2023-24) लाने के मूड में है. राजस्थान में इस बार बजट जनवरी में पेश किए जाने की संभावना है. मंत्रिमंडल सचिवालय ने सभी विभागों को इसको लेकर सर्कुलर जारी किया है. इससे बजट सत्र जनवरी में ही शुरु होने की संभावना जताई जा रही है. बजट को लेकर सियासी गलियारों में हलचल शुरू हो गई है. समय पूर्व पेश किए जाने वाले इस बजट के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

मंत्रिमंडल सचिवालय की ओर से जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया कि राजस्थान विधानसभा का आगामी सत्र (बजट सत्र) माह जनवरी 2023 में आरंभ होने की प्रबल संभावना है. इसमें राज्यपाल का अभिभाषण पढ़ा जाएगा. इस अभिभाषण में यथासंभव राज्य सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और नीतिगत निर्णयों का संक्षेप में विवरण होगा. इसके अतिरिक्त आगामी वित्तीय वर्ष में जिन योजनाओं और कार्यक्रमों को आरम्भ किया जाएगा उसका संक्षिप्त विवरण भी होगा.

राज्यपाल अभिभाषण-2023 की सामग्री में विभाग की ओर से अर्जित प्रमुख उपलब्धियों, विभाग को राष्ट्रीय-राज्य स्तर पर प्राप्त पुरस्कार, नवीन योजनाओं, नीतियों और नवाचारों के विवरण समेत अन्य अहम बातों को शामिल करने के निर्देश दिए गए हैं. सर्कुलर के अनुसार सभी को 20 दिसंबर तक सामग्री पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं. सभी विभागाध्यक्षों का निर्देश दिए गए हैं कि वे राज्यपाल के अभिभाषण में शामिल किए जाने योग्य सामग्री तत्काल प्रशासनिक विभाग को भिजवा देवें.

यह निकाले जा रहे हैं इस बजट के सियासी मायने

दरअसल अगले साल के आखिरी में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि गहलोत सरकार इस बार बजट में हर वर्ग को खुश करने के लिए बड़ी घोषणाएं कर सकती है. तय समय से पहले बजट पेश करने का यह भी मकसद हो सकता है कि बजट घोषणाओं को चुनावों से पहले पूरा कर गहलोत सरकार अपने पक्ष में माहौल बना सके. इसके साथ ही यह भी माना जा रहा है कि सीएम गहलोत को लग रहा है कि कहीं आलाकमान मुख्यमंत्री को लेकर कोई फैसला करें उससे पहले वह अपना बजट पेश कर दें ताकि उन घोषणाओं को पूरा कराने का उत्तरदायित्व उनके पास ही रहे.