कपिल अग्रवाल के सामने नहीं टिक पाए बंटी स्वरूप, गौरव से भी मिली बड़ी हार

इस खबर को शेयर करें

मुजफ्फरनगर। जनपद में 6 में से 4 सीटों पर गठबंधन ने जीत हासिल की। 2 सीटों पर भाजपा ने वापसी की। इस चुनाव में कई सीटों पर आये परिणामों को लेकर लोगों के बीच चर्चा का दौर बना हुआ है, लेकिन शहर सीट पर भाजपा को इतने बड़े अंतर से मिली तीसरी जीत ने सभी को चौंकाया है। यहां पर बेहद नजदीकी मुकाबले की संभावना बनी थी, लेकिन जब ईवीएम ने परिणाम उगलना शुरू किया तो यह कांटे की टक्कर एकतरफा मुकाबले के रूप में सामने आई।

इस चुनाव में सौरभ स्वरूप ने अपने पिता चितरंजन स्वरूप ;चचा चित्तोद्ध के ‘असली सियासी वारिस’ के रूप में चुनाव लड़ा। यहां पर गौरव स्वरूप को दरकिनार करते हुए अखिलेश यादव ने सौरभ स्वरूप उर्फ बंटी को मैदान में उतारा, लोगों को उम्मीद थी कि सौरभ गठबंधन के सियासी रथ पर सवार होकर भाजपा की भगवा बटालियन के खिलाफ एक मजबूत सियासी तीरंदाज साबित होंगे, लेकिन परिणाम देखें तो गौरव के मुकाबले सौरभ इस सियासी जंग में ‘बोद्दा प्यादा’ ही साबित हुए हैं।

मुजफ्फरनगर सदर सीट पर 10 फरवरी के मतदान के बाद 10 मार्च को परिणाम सभी के सामने आ चुका है। यहां पर भाजपा के कपिल देव अग्रवाल ने 2017 से भी ज्यादा मजबूत प्रदर्शनी दोहराकर यह साबित किया कि वह अब सियासी रण में एक मजबूत खिलाड़ी बन चुके हैं। 2017 के चुनाव परिणाम पर नजर डाले तो यहां पर पड़े कुल 215602 मतों में से कपिल देव ने 97838 और सपा के गौरव स्वरूप ने 87134 वोट हासिल किये थे और कपिल देव ने 10704 मतों के अंतर से जीत हासिल की।

इस बार यहां पर सपा ने प्रत्याशी बदला था। रालोद कोटे में गई इस सीट पर सौरभ स्वरूप को मैदान में उतारा गया। इस चुनाव में सौरभ को बड़ा मजबूत प्रत्याशी बताया जा रहा था और कपिल देव की जीत को लेकर आशंका बनी थी, लेकिन परिणाम सामने आये तो कपिल देव बड़े खिलाड़ी साबित हुए। सदर सीट से भाजपा के खिलाफ गठबंधन को जो लीड बनी वह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों तक ही सीमित रही। शुरूआत में पांच राउण्ड में सपा रालोद गठबंधन को भाजपा के खिलाफ 19 हजार वोटों की लीड मिली। वह 2017 में गौरव को मिली लीड से करीब 1200 वोट कम रही।

साल 2017 में पांच राउण्ड की गिनती तक भाजपा के कपिल देव को 10250 और सपा के गौरव स्वरूप को यहां तक की गिनती में 30693 वोट मिली थी। इसमें रालोद की वोट भी जोड़े तो 2017 में रालोद प्रत्याशी पायल को यहां तक की गिनती में 382 वोट मिली थी। सपा और रालोद की वोट को जोड़े तो 2017 में पांच राउण्ड तक गठबंधन ने 31075 वोट मिली थी।

इस लिहाज से 2022 के परिणाम में पांच राउण्ड में भाजपा प्रत्याशी की वोट में कोई ज्यादा गिरावट नजर नहीं आई, जबकि गठबंधन की वोटों में काफी अंतर नजर आया है। 2022 की गिनती में मुजफ्फरनगर सदर के पांच राउण्ड की गिनती पर नजर डाले तो यहां तक कपिल देव तो 2017 के मुकाबिल ही 10136 वोट लेने में सफल रहे, जबकि सपा रालोद का वोट यहां तक घटा है। 2017 में पांच राउण्ड में सपा रालोद ने 31075 तो इस बार 29435 वोट हासिल की। शुरूआत की इसी कमजोरी से सौरभ स्वरूप नहीं उबर पाये और हर राउण्ड में कपिल देव ने उनको पछाड़ने का काम किया। 2017 में 23 राउण्ड में मतगणना हुई थी। इसमें 215602 वोट पड़ी थी, जिनमें सीधा बंटवारा सपा और भाजपा के बीच था। 2022 में 26 राउण्ड में मतगणना हुई और 225874 वोट पड़ी। यह शुरू से ही तय था कि इस सीट पर जो भी प्रत्याशी एक लाख के ऊपर वोट हासिल करेगा, वह चुनाव जीत जायेगा।