मायावती का मुजफ्फरनगर में बडा खुलासाः डरे हुए हैं मुस्लिम नेता, टिकट लेने तक भी नहीं आये

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मुजफ्फरनगर। करीब सात साल बाद मायावती एक बार फिर से मुजफ्फरनगर में चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंची। मायावती ने अपने संबोधन के जरिए सर्वसमाज व भाईचारे का पैगाम देने की कोशिश की। उन्होंने कहाकि बसपा न तो जाट समाज और न ही मुस्लिम के खिलाफ है बल्कि सर्वसमाज की पार्टी है।

हमारी तमन्ना थी कि इस बार मुस्लिम को मुजफ्फनगर से लोकसभा चुनाव लड़ाया जाए, लेकिन मुस्लिम इस सरकार से इतने डरे हैं कि कोई टिकट के लिए सामने ही नहीं आया। ऐसे में हमें अति पिछड़ा समाज से प्रत्याशी को लड़ाना पड़ा। उन्होंने भाजपा पर धर्म की आड़ में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहाकि कांग्रेस की तरह भाजपा भी जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। मायावती ने कहा कि बसपा सरकार में जितना गन्ने का भाव किसानों को मिला है आज तक किसी सरकार ने नहीं दिया।

बसपा सुप्रीमो मायावती इससे पहले वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में मुजफ्फरनगर जनपद में जनसभा व रैली की थी। उसके बाद वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनाव और वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रचार करने नहीं यहां आईं। करीब आधे घंटे के भाषण में मायावती ने कांग्रेस और भाजपा पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि दोनों ही दल जातिवादी मानसिकता के साथ काम किया है। इन पार्टियों ने लोगों का विकास करने के बजाए सिर्फ वोट बैंक के लिए उनका इस्तेमाल किया है। मायावती ने कहा कि विपक्षी दलों के वादों व चुनावी घोषणा पत्र के झांसे में नहीं आना है। बसपा कभी चुनावी घोषणा पत्र जारी नहीं करती सिर्फ विकास कार्य करने में विश्वास रखती है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरक्षण कोटा पूरी तरह से खत्म करने की साजिश की जा रही है। आरक्षण के हिसाब से सरकारी नौकरी में भर्ती नहीं हो रही। उन्होंने सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय का नारा दोहराते हुए कहाकि बसपा सरकार बनने पर हर वर्ग के हितों का ध्यान रखा जाएगा।