बस कंडक्टर ने नहीं लौटाए 5 रुपये, बोला- चेंज नहीं है मेरे पास; सवारी ने कर दी शिकायत

Bus conductor did not return 5 rupees, said- I do not have change; the passenger complained
Bus conductor did not return 5 rupees, said- I do not have change; the passenger complained
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Bus Conductor: हर एक भारतीय ये तकलीफ समझ सकता है, जब 1 रुपये, 2 रुपये या खासकर 5 रुपये का छुट्टा नहीं मिलता तो दुकानदार उसके बदले टॉफी दे देते हैं, लेकिन अगर आप बस में सफर कर रहे होते हैं तो इन छुट्टों के बदले टिकट के पीछे लिख देते हैं और कई बार यह वापसी में मिल भी नहीं पाता. ये हर रोज होता है, चाहे दुकान पर हो, रेहड़ी वाले के पास, बस ड्राइवर के साथ या ऑटो रिक्शे वाले के साथ. आप उनसे ​छुट्टा​ मांगते हैं, और उनके पास या तो ​छुट्टा​ नहीं होता या वो भूल जाते हैं. ये एक ऐसी परेशानी है जिसे हम सभी झेलते हैं. लेकिन हाल ही में, बेंगलुरु के एक व्यक्ति ने उस वक्त बस कंडक्टर को सबक सिखा दिया, जब कंडक्टर ने उसे ​उसका​ 5 रुपये का ​वापसी​ देने से इनकार कर दिया.

क्या एक्स्ट्रा पैसा कमाने के चक्कर में कर रहे कंडक्टर?

अपने इस अनुभव को एक्स पर शेयर करते हुए नितिन कृष्णा ने 15 रुपये की अपनी बीएमटीसी (बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन) की बस टिकट की फोटो पोस्ट की. उन्होंने परेशान होकर कहा, “कंडक्टर के पास 1 रुपया ​छुट्टा​ भी नहीं था कि वो मुझे वापस कर सके, इस वजह से मेरा 5 रुपया ​चला गया. क्या इसका कोई हल है?” वैसे तो पैसा ज्यादा नहीं है तो गुस्सा करने की बात नहीं लगती, लेकिन असल परेशानी ये है कि कंडक्टर बार-बार ऐसा ही करते हैं. ये शक पैदा होता है कि कहीं ये आदत तो नहीं बना ली है या फिर शायद जरा सा एक्सट्रा पैसा कमाने की कोशिश कर रहे हैं.

पोस्ट पर लग गई कमेंट्स की भरमार

बाद में एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा, “या तो उन्हें ट्रिप शुरू करने से पहले ही काफी ​छुट्टा​ दे दिया जाए या फिर ऑनलाइन पेमेंट के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाए. क्या हर बार मेरा पैसा यूं ही चला जाएगा? कंडक्टर इस बहाने थोड़े बहुत पैसे कमा रहे हैं.” जल्द ही, कमेंट्स की भरमार लग गई और लोगों ने कई सुझाव दिए. एक शख्स ने कहा, “पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बिना किसी परेशानी के यात्रा करने के लिए बस इतना ही करना चाहिए कि आप टिकट के ठीक इतने ही रुपये रखें. इससे न तो आपकी, न कंडक्टर की कोई दिक्कत होगी.” दूसरे ने कहा, “UPI से पेमेंट करो.” लेकिन असल में जैसा कि नितिन ने बताया, बिना एसी वाली बसों में अभी ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा नहीं है.