सत्येंद्र जैन का नाम लिखने मात्र से कंपनियां हो जाएंगी उनकी… आप लोग करते हैं ऐसे काम, कोर्ट ने ईडी को फटकार लगाई सत्येंद्र जैन का नाम लिखने मात्र से कंपनियां हो जाएंगी उनकी… आप लोग करते हैं ऐसे काम, कोर्ट ने ईडी को फटकार लगाई

By simply writing the name of Satyendra Jain, companies will become their... you people do such work, the court reprimanded the ED
By simply writing the name of Satyendra Jain, companies will become their... you people do such work, the court reprimanded the ED
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नई दिल्ली : दिल्ली की अदालत ने शुक्रवार को कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मंत्री सत्येंद्र जैन एवं अन्य के खिलाफ आरोपपत्र का संज्ञान लिया। कोर्ट ने कहा कि पहली नजर में उनकी संलिप्तता को लेकर पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने सत्येंद्र जैन की पत्नी एवं सह-आरोपी पूनम जैन और मामले में आरोपी बनाए गए चार कंपनी के प्रतिनिधियों को समन जारी किए। कोर्ट ने इस मामले में ईडी के काम करने के तरीके को लेकर भी सवाल उठाए। चार्जशीट में एक फोटो कॉपी का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा कि इससे कुछ साबित नहीं होगा।

नाम लिख देने से कंपनी उनकी हो जाएगी
अदालत ने कहा कि ईडी ने अपनी चार्जशीट में गलत तरीके से सत्येंद्र जैन को आरोपी कंपनियों का ‘जिम्मेदार व्यक्ति’ बताया है, जबकि सत्येंद्र जैन ना तो इन कंपनियों में डायरेक्टर हैं और ना ही इससे जुड़े हुए हैं। अदालतन ने ईडी से सवाल किया कि कैसे ये कंपनियां सिर्फ सत्येंद्र जैन का नाम लिख देने से उनकी हो जाएंगी? अदालत ने का कि क्या आप पहली बार कोई मामला दायर कर रहे हैं? केवल सिर्फ इसलिए कि ‘सत्येंद्र जैन के माध्यम से’ लिखा है तो कंपनी उनकी नहीं हो जाएगी। अदालत ने कहा कि कोर्ट को दस्तावेज देने से पहले आपने उसकी पड़ताल नहीं की थी क्या? ये आपके काम करने का तरीका है।

आरोपियों को आरोपपत्र की एक-एक प्रति दें
कोर्ट ने ईडी को निर्देश दिया कि वह सत्येंद्र जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन को आरोपपत्र और अन्य संबंधित दस्तावेजों की एक-एक प्रति उपलब्ध कराए। तीनों आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। जज ने कहा कि रिकॉर्ड में पेश दस्तावेजों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि प्रथम दृष्टया आरोपियों की संलिप्तता को लेकर पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। इस प्रकार, धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 4 के तहत दंडनीय पीएमएलए की धारा 3 के अंतर्गत अपराध का संज्ञान लिया जाता है।

जैन की अंतरिम जमानत पर 20 अगस्त को होगी सुनवाई
जज ने दो आरोपियों – अजीत प्रसाद जैन और सुनील कुमार जैन – को 8 अगस्त तक के लिए अंतरिम जमानत प्रदान की। मामले में अब तक दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी। आरोपी व्यक्तियों के अलावा, चार कंपनी – अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इन्फोसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड और जे जे आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड- के खिलाफ भी आरोप पत्र दायर किया गया था। अदालत ने मेडिकल आधार पर सत्येंद्र जैन की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई 20 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी।