Chandigarh University MMS Kand: गर्ल्स हॉस्टल में नहाती लड़कियों के वीडियो बनवाने वाला मास्‍टमाइंड सेना का जवान अरेस्‍ट

Chandigarh University MMS Kand: Army jawan arrested for making videos of girls bathing in girls hostel
Chandigarh University MMS Kand: Army jawan arrested for making videos of girls bathing in girls hostel
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चंडीगढ़: पंजाब की चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में MMS कांड मामले में पुल‍िस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुल‍िस ने केस में आरोपी सेना के जवान संजीव स‍िंह को गिरफ्तार क‍िया है। दरअसल यूनिवर्सिटी के गर्ल्स हॉस्टल में नहाती हुई लड़कियों के वीडियो बनाने की आरोपी लड़की, जिस शख्स के साथ वॉट्सएप पर चैट कर रही थी, जो लड़का उसे सब कुछ डिलीट करने के लिए धमका रहा था, वो लड़का यही सेना का जवान संजीव स‍िंह है। पंजाब पुलिस आरोपी संजीव को कोर्ट में पेश करके रिमांड हास‍िल करेगी। उधर, यूनिवर्सिटी में 24 सितंबर तक अवकाश घोषित क‍िया गया था, वहीं 25 को रव‍िवार होने के चलते यूनिवर्सिटी अगले द‍िन सोमवार को खुलेगी।

पुल‍िस सूत्रों की माने तो आरोपी लड़की के शिमला में रहने वाले कथित बॉयफ्रेंड ने उसके वीडियो इस सेना के जवान संजीव स‍िंंह तक पहुंचाए थे। इसके बाद ये जवान लड़की को वीडियो वायरल करने की धमकी देने लगा और उसे ब्लैकमेल करके बाकी लड़कियों के वीडियो बनाने को मजबूर करने लगा। इस पर लड़की गर्ल्स हॉस्टल में नहाती हुई लड़कियों के वीडियो बनाने लगी।

पूरे मामले पर सेना ने क्‍या कहा?
इस पूरे मामले पर भारतीय सेना के अधिकारी ने बताया क‍ि पुलिस अधिकारियों से सूचना मिलने के तुरंत बाद, पंजाब और अरुणाचल पुलिस को सिपाही को गिरफ्तार करने और उसकी हिरासत सौंपने के लिए हर संभव सहायता प्रदान की गई। हम जांच के जल्द निष्कर्ष के लिए हर संभव सहायता प्रदान करना जारी रखेंगे। भारतीय सेना के अधिकारी ने कहा क‍ि पंजाब पुलिस की ओर से एक संवेदनशील मामले में चल रही जांच के दौरान, यह पता चला है कि एक सेवारत सेना के जवान के आईपीसी और आईटी अधिनियम की धाराओं के तहत प्रभार्य कृत्यों में शामिल होने की संभावना है।

शिवांगी त्रिपाठी गोरखपुर से लखनऊ पढ़ाई करने आई हैं। उन्होंने बताया कि जब लखनऊ में कॉलेज चुना था तो पैरंट्स का यही मानना था कि मुझे कॉलेज हॉस्टल में ही रहना चाहिए। मैंने भी उनका फैसला स्वीकार किया और कुछ समय हॉस्टल में बिताया। हाल ही में मैंने पीजी में रहना शुरू कर दिया है। बाकी जब हम रहना शुरू करते हैं तो हमें सारी चीजें समझ आती हैं। सबसे जरूरी यही है कि शुरू में अपनी हर बात रूम पार्टनर से शेयर ना करें क्योंकि हमें नहीं पता होता की कौन किस मानसिकता का है। जब हम रहना शुरू करते हैं, तब जाकर कहीं हमें सामने वाली की खूबी और कमियों का पता लगता है। हमें अपना दायरा जरूर मालूम होना चाहिए। साथ ही जहां हम रह रहे हैं, वहां अपने हिसाब से भी देख लेना चाहिए कि कहीं बाथरूम या रूम में हिडेन कैमरा तो नहीं छिपा है।

अंशिमा गुप्ता बनारस की रहने वाली हैं और अपने कॉलेज के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रही हैं। उनका कहना है कि वैसे तो कॉलेज में हिडेन कैमरा नहीं होंगे लेकिन फिर भी अपनी तरफ से जागरूक होने में कोई बुराई नहीं। कोशिश यही होनी चाहिए कि किसी से लड़ाई झगड़ा ना हो। होता क्या है कई बार दुश्मनी के चलते भी लोग बदला लेने की कोशिश करते हैं। ऐसे में बेहतर यही होगा कि सबसे थोड़ी ही सही पर दोस्ती बनाकर रखें। जैसे हॉस्टल में भी बर्थडे या अन्य पार्टियां होती हैं तो आपके कपड़ों का सिलेक्शन सही होना चाहिए क्योंकि उसमें फोटोज और विडियोज भी बनते हैं।

हमें किसी से इतना फैमिलियर नहीं होना चाहिए कि हम सब कुछ अपने रूम पार्टनर से शेयर करने लगें। जितना अलर्ट रहेंगे उतना ही अच्छा रहेगा। ये कहना है पीजी में रहने वाली अनुश्री श्रीवास्तव का। वह कहती हैं कि अगर कोई लड़की जो आपके रूम या पीजी का हिस्सा नहीं है और वो ज्यादातर समय आपके रूम में बिताती है तो इसकी शिकायत आपको वार्डन से करनी चाहिए। हां, कुछ देर के लिए और खास काम से आने पर कोई ऐतराज नहीं है। बाहर से आई लड़की का पूरा ब्योरा नोट होना चाहिए, जिसमें उसके फोन नंबर से लेकर पता और कितना समय उसने बिताया ये सब नोट होना चाहिए। किसी दूसरे रूम की लड़की जिसे आप ज्यादा अच्छे से ना जानती हों, उसके फोन में फोटोज खिंचवाने और किसी विडियो में शामिल होने से बचें क्योंकि इससे आपकी फोटो के साथ भी छेड़छाड़ हो सकती है।

फैजाबाद रोड की रहने वाली प्रतिभा श्रीवास्तव की बेटी भोपाल में रहकर पढ़ाई कर रही है। वह कहती हैं कि बाहर हॉस्टल या पीजी में बच्चों को अलग तरह का माहौल मिलता है क्योंकि वो अलग-अलग जगहों से पढ़ने आते हैं। ऐसे में किसी के बारे में कुछ खास पता नहीं होता। बच्चे बड़ी जल्दी लोगों पर विश्वास कर लेते हैं और हर कोई उनका दोस्त बन जाता है। हम पैरंट्स हर समय तो सही-गलत बताने के लिए उनके साथ मौजूद नहीं रहेंगे। ऐसे में सबसे जरूरी यही है कि बच्चे किसी पर जल्दी विश्वास ना करें। जैसे अगर एक रूम में दो लड़कियां रहती हैं तो उनके सिवा कोई और लड़की बिना वॉर्डन की परमिशन के उनके रूम में ना दाखिल हो। अगर उन्हें मिलना है तो कैंटीन और एक कॉमन रूम में मिल सकती हैं।

सीतापुर से वर्तिका सिंह लखनऊ ग्रैजुएशन करने आई हैं। उनका कहना है कि परिवार व मेरा यही मानना है कि बिना जाने समझे किसी से ज्यादा ना घुलें-मिलें और एक सीमित दायरे में रहें। जैसे हमारे यहां कॉलेज हॉस्टल में जब भी कोई पार्टी या कोई सेलिब्रेशन होता है तो हमारी सीनियर्स के अलावा कोई ना कोई फैकल्टी और वॉर्डन जरूर मौजूद रहती हैं। साथ ही मैं खुद भी ये ध्यान रखती हूं कि मेरे ड्रेसेज का सिलेक्शन सही हो। बाकी ये हमारी सोच पर भी निर्भर करता है कि हम किस तरह से चीजें मैनेज करते हैं। हॉस्टल में कुछ पर्टिकुलर एरिया हैं, जहां कैमरा लगा हुआ है, जो कि एक तरह से सही भी है क्योंकि इससे भी हमारे मन में कहीं न कहीं ये रहता है कि हम लोग सुरक्षित हैं।