जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक होने की घटनाओं के पीछे बेरोजगारी को बताया है। अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को जयपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि पूरे देश के राज्यों में पेपर लीक होने की घटनाएं सामने आ रही हैं। करीब बीस दिन पहले बिहार, पांच दिन पहले पंजाब में पेपर लीक हुए हैं। उत्तर प्रदेश में भी बड़ी घटना हुई थी। पेपर लीक करवाने के लिए देश में एक गिरोह बन गया है। बेरोजगारी फैलना उसी का परिणाम है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा और फिर पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर भी गिरोह ने ही लीक करवाया है।
राजनीतिक सिफारिश नहीं मानेगी पुलिस
उन्होंने कहा कि राजस्थान में नकल और पेपर लीक करने के खिलाफ कानून बन गया है। देश में बेरोजगारी जो मुद्दा बना हुआ है, वह पेपर लीक का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि अपराध और दुष्कर्म जैसी घटनाओं के पीछे भी बेरोजगार ही बड़ा कारण होता है। कोई भी व्यक्ति जब निराशा में होता है तो अपराध करता है। नशा करता है। भारत सरकार और राज्य सरकार की ड्यूटी बनती है कि अधिक से अधिक युवाओं को नौकरियां लगवाएं। सरकारी या गैर सरकारी क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाया जाए। राज्य विधानसभा में सरकारी उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी के भाई मोती सिंह पर लगे हत्या के आरोपों की चर्चा करते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि मैंने पुलिस को साफ कह रखा है कि अपराध के मामले में राजनीतिक सिफारिश नहीं माननी है।
राजस्थान के जिलों में चारा डिपो खोलने और पानी की आपूर्ति टैंकरों से करने को लेकर जिला कलक्टर्स को निर्देश दिए गए हैं। आवारा पशुओं के रख रखाव के लिए विशेष कार्य योजना बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार शाम हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा,बिजली उपलब्धता की कमी एवं देश मे कोयला संकट के बावजूद केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों पर आयातित कोयला की मात्रा दस प्रतिशत तक बढ़ाकर खरीदने की अनिवार्यता से प्रदेश पर पड़ने वाले वित्तीय भार पर भी चर्चा की गई। बैठक में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना तहत हर गांव में काम की सुनिश्चितता के लिए ग्रामीण विकास विभाग को नियमित निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।