अभी-अभी: संकट में सीएम गहलोत की कुर्सी, सचिन पायलट को…

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नई दिल्ली: कांग्रेस की अलग-अलग राज्य सरकारों में एक के बाद दूसरा संकट सिर उठा रहा है. पंजाब में नए मुख्यमंत्री और कैबिनेट में नए मंत्रियों की नियुक्ति के बाद अब पंजाब कांग्रेस कमिटी के अक्ष्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे (Navjot Singh Sidhu) ने तो मुश्किलें बढ़ाई ही हैं, राजस्थान में भी नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है. क्या एक बार फिर अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की कुर्सी खतरे में है? यहां एक बार फिर सचिन पायलट खेमे का जोर दिखाई दे रहा है. हालांकि, गहलोत सरकार में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने इन संभावनाओं को खारिज कर दिया है.

पिछले साल कई हफ्तों तक राजस्थान सरकार पर संकट के बादल छाए रहे थे. सचिन पायलट के खेमे ने अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोला था. गांधी परिवार के हस्तक्षेप के बाद कैसे भी ये मामला सुलझ पाया था. बातचीत में यह समझौता किया गया था कि गहलोत खेमा, पायलट खेमे को सत्ता में भागीदारी देगा, लेकिन इस पहलू पर पायलट खेमे की असंतुष्टि जाहिर हो रही है.

कांग्रेस के कई नेता ही पायलट के समर्थन में उठा रहे हैं आवाज

पायलट के समर्थकों का कहना है कि सचिन पायलट ने कांग्रेस सरकार को सत्ता में लाने में बहुत मेहनत की थी. वो मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी थे. वो बगावत के बाद पार्टी में लौट चुके हैं और अब उन्हें सरकार में जगह मिलनी चाहिए. राजस्थान कांग्रेस के उपाध्य राजेंद्र चौधरी ने कहा कि ‘मैं जहां भी जाता हूं, युवा और बुजुर्ग मुझसे कहते हैं कि पायलट साहब को मुख्यमंत्री बनाएं.’ चौधरी ने कहा कि वो किसी के विरोध-समर्थन की बात नहीं कर रहे हैं, ये जनमानस की आवाज है.

चाकसू के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने पायलट के समर्थन में कहा कि ‘आज वो राजस्थान में किसी पद पर नहीं हैं, लेकिन युवाओं और कार्यकर्ताओं में उन्हें लेकर जितना जोश है, वो बताता है कि यहां उनकी लोकप्रियता कितनी है. ऐसा शायद ही किसी नेता के लिए हो.’

ऐसे बयानों के सामने आने के बाद उठे सवालों पर गहलोत के मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि ‘अशोक गहलोत सरकार के पास बहुमत के 100 से ज्यादा विधायकों का साथ है, ऐसे में हम किसी भी तरह से इस चीज को को-रिलेट नहीं कर सकते हैं.’

मुख्यमंत्री की सेहत नासाज़

अशोक गहलोत की तबियत कोविड के चलते खराब हुई थी. फिर उसके बाद उनकी एंजियोप्लास्टी हुई, जिसके लिए डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी है. फिलहाल यहां नेतृत्व परिवर्तन की ठोस संभावनाएं नहीं दिख रही हैं, लेकिन मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चा चल रही है.