Coronavirus Latest Update: कोरोना वायरस (Coronavirus) ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है. कोविड-19 (Covid-19) के नए मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. दिल्ली (Delhi) में भी इसका खासा असर देखने को मिल रहा है. दिल्ली में बीते 24 घंटे में 733 नए मामले सामने आए. वहीं, डेली पॉजिटिविटी रेट (Daily Positivity Rate) 19.93 प्रतिशत तक पहुंच गया है. ये मामले पिछले 7 महीनों में सबसे अधिक हैं. दिल्ली में पिछले साल 26 अगस्त को 620 नए केस दर्ज किए गए थे. देशभर में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya) ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग की. बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 मैनेजमेंट के लिए सभी को तैयार रहने के लिए कहा. इस बीच, केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में सार्वजनिक जगहों पर मास्क अनिवार्य कर दिया गया है.
तेजी से बढ़े कोरोना के एक्टिव मामले
जान लें कि बीते 30 मार्च को दिल्ली में एक्टिव मामलों की संख्या 932 थी. आंकड़ों के अनुसार, 30 मार्च से 6 अप्रैल के बीच 6 संक्रमितों की कोरोना वायरस की वजह से जान चली गई. इन मौतों में 3 अप्रैल को हुई दो संक्रमितों की मौत भी शामिल है. पिछले 1 हफ्ते से पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी देखी जा रही है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, बीते 5 अप्रैल को पॉजिटिविटी रेट 26.54 प्रतिशत दर्ज की गई थी जो बीते 15 महीने में सबसे ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने की अहम बैठक
वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के बचाव और प्रबंधन को लेकर पिछली कोविड लहरों के वक्त हमने जैसा किया था उसी तरह इस बार भी केंद्र और राज्य सरकारों को साथ मिलकर काम करते रहना होगा. उन्होंने सभी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से कहा कि वे 10-11 अप्रैल को हॉस्पिटल्स में इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर मॉक ड्रिल करें. इसके अलावा स्वास्थ्य अधिकारियों और जिला प्रशासन के साथ 8-9 अप्रैल को स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों की समीक्षा करें.
एक्सपर्ट्स ने कही ये बात
दिल्ली में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के बीच एक्सपर्ट्स ने कहा कि नया XBB.1.16 वेरिएंट इस इजाफे के लिए जिम्मेदार है. कोरोना वायरस के नियमों का पालन करें. मास्क लगाएं. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. साबुन से धोते रहें. हालांकि, अभी तक संक्रमितों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत कम ही आ रही है.