देश की संपत्ति एक-एक कर बेची जा रही, जिससे बेरोजगारी और गरीबी बढ़ी है: बघेल

Country's property is being sold one by one, due to which unemployment and poverty have increased: Baghel
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रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शनिवार को कहा कि देश की संपत्ति एक-एक कर बेची जा रही है, जिससे बेरोजगारी और गरीबी बढ़ी है। बघेल ने इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2014 में आम चुनाव के दौरान विकास के ‘गुजरात मॉडल’ की चर्चा थी, अब वह गायब हो गया है।

कांग्रेस की एक शाखा, अखिल भारतीय प्रोफेशनल कांग्रेस (एआईपीसी) के पांचवें राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के लोगों की न्यूनतम जरूरत के साथ-साथ न्यूनतम आय सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

बघेल ने कहा, ”2014 के लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात मॉडल के बारे में बहुत बात हुई थी, लेकिन इसके बारे में अब कोई भी बात नहीं करता है। गुजरात मॉडल को क्या हो गया है, पूरा देश देख रहा है। हम (देश के लोग) इस मॉडल का खामियाजा भुगत रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि देश की सारी संपत्ति एक-एक करके बेची जा रही है जिसके परिणामस्वरूप बेरोजगारी, गरीबी और कुपोषण में वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने लोगों की न्यूनतम आय और न्यूनतम जरूरतों को कैसे पूरा किया जाए, इस पर ध्यान केंद्रित किया है।

बघेल ने कहा कि वर्ष 2018 में राहुल गांधी जी ने न्याय योजना के बारे में बात की थी जिसके तहत कहा गया था कि लोगों को न्यूनतम आय मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल जी ने वर्ष 2019 के आम चुनाव के दौरान प्रति परिवार 72 हजार देने की बात कही थी।

बघेल के मुताबिक चुनाव के दौरान लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया और भावनात्मक मुद्दों की ओर रुख किया।

मुख्यमंत्री ने कहा, ”हमारी छत्तीसगढ़ सरकार ने न्यूनतम आय के साथ-साथ न्यूनतम जरूरतों पर ध्यान केंद्रित किया है। अगर लोगों की जेब में पैसा डाला जाता है तो वह इसे उपभोक्ता के रूप में खर्च करता है। यह बाजार को मजबूत तो कर सकता है लेकिन लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त नहीं कर सकता। हमारे राज्य में हमने लोगों तक भोजन, आवास, शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता जैसी न्यूनतम जरूरतों पर भी ध्यान केंद्रित किया है।”

उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि ऋण माफ किया गया और किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत नौ हजार रुपये प्रति एकड़ प्रदान किया जा रहा है।

बघेल ने इस दौरान अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी नरवा-गरवा-घुरवा-बारी (नहर, गाय, खाद के लिए बनाया गया गड्ढा और सब्जी उद्यान) के बारे में भी जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा, ”भाजपा ने गोबर खरीद के लिए हमारा मजाक उड़ाया। लेकिन इस योजना ने न केवल पशुपालन को व्यावसायिक रूप से लाभदायक बना दिया, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत किया है। हम गांवों में उत्पादक और उपभोक्ता दोनों पैदा कर रहे हैं।”

संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बघेल ने कहा कि देश की संपत्ति बेचना शायद गुजरात मॉडल है, लेकिन सभी को रोजगार देना छत्तीसगढ़ मॉडल है।

इस अवसर पर एआईपीसी के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा सभी को एक साथ लाने और समाज के हर वर्ग की प्रगति में विश्वास करती है।

थरूर ने कहा, ‘‘कांग्रेस के पास ऐसे मूल्य हैं जिसमें समावेशी भारत के मूल्य शामिल हैं। एक ऐसा भारत जो जाति, पंथ, धर्म और भाषा के विभाजन से परे दिखता है और हम सभी को एक रूप में देखता है। यह एक ऐसा भारत है जहां आप दलित-ब्राह्मण तथा अमीर-गरीब के भेद से परे देखना चाहते हैं।’’

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सभी को एक साथ लाने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी को एक साथ आगे बढ़ना है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि 1990 के दशक में हुई अर्थव्यवस्था के बड़े उदारीकरण के दौरान हमारी नीति बहुत स्पष्ट थी।

थरूर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों, मजदूरों और सभी वर्गों के लिए जिस तरह से कल्याणकारी योजनाएं बनाई हैं, वह एक मिसाल है।

राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में शनिवार को शुरू हुए दो दिवसीय सम्मेलन को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी संबोधित करेंगे।