कावड़ के चलते मुजफ्फरनगर में धीमा होगा अदालतों का काम, जानें पूरी खबर

Court work will slow down in Muzaffarnagar due to Kavad, know full news
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मुजफ्फरनगर। जनपद में कांवड यात्रा-2022 को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए बड़े पैमाने पर पुलिस बल की ड्यूटी लगने से जेल से हवालात आने का सफर बंद कर दिया गया है। अब विचारधीन केदियांे का रिमांड वीडियो कांफ्रेंस के मंजूर करने की व्यवस्था लागू करते हुए इसके लिए विशेष मजिस्ट्रेट तैनात कर दिये गये हैं। इसके साथ ही साल 2013 के दंगे के मामले में भी अब सुनवाई अगस्त माह में करने का आदेश अदालत ने जारी किया है।

प्राप्त समाचार के अनुसार सामान्य दिनों में जिला कारागार में बंद विचाराधीन बंदियों की अदालत में पेशी और उनके रिमांड के लिए कारागार से कचहरी तक लाने के लिए पुलिस फोर्स की ड्यूटी लगाई जाती रही है। इसके तहत कारागार से आने वाले विचाराधीन बंदियों को कचहरी में सुरक्षित रखने के लिए हवालात लगाई जाती रही है, इस कार्यवाही को अब कांवड यात्रा के कारण बंद कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार कावड़ यात्रा की सुरक्षा में पुलिस की ड्यूटी लग जाने के बाद कचहरी में मुलजिमो को जेल से लाने वाली हवालात बंद हो गई है। अब वीडियो कांफ्रेंस के ज़रिए मजिस्ट्रेट द्वारा रिमांड मंज़ूर किया जायेगा। सीजेएम मनोज कुमार जाटव ने इसके लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की तैनाती की है। सीजेएम के द्वारा जारी किये गये इस आदेश में कहा गया है कि यह प्रक्रिया आगामी 30 जुलाई तक जारी रहेगी।

साल 2013 में खालापार में 31 अगस्त के दिन शुक्रवार की नमाज के बाद आयोजित किये गये एक जलसे में तथाकथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के मामले में सोमवार को कहचरी में वकीलों के नो वर्क के कारण इस प्रकरण की कोर्ट सुनवाई 1 अगस्त तक स्थगित हो गई है। मामले के आरोपियों में पूर्व सांसद कादिर राना, पूर्व विधायक नूर सलीम सहित कई लोग कोर्ट में पेश नही हुए। उनकी ओर से हाज़री माफी दी गई। राज्य के पूर्व गृह राज्यमंत्री एवं पूर्व सांसद सईदुज्जमा सहित कुछ लीग कोर्ट में पेश हुए, लेकिन नो वर्क के कारण सुनवाई नही हो सकी।