अरविंद केजरीवाल को CM पद से बर्खास्त करने की मांग, दिल्ली HC में एक और याचिका दायर

Demand to dismiss Arvind Kejriwal from the post of CM, another petition filed in Delhi HC
Demand to dismiss Arvind Kejriwal from the post of CM, another petition filed in Delhi HC
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नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में एक और याचिका दाखिल की गई है. ये नई याचिका हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता की तरफ से दायर की गई. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने ऐसी ही मांग वाली याचिका को ये कहते हुए खारिज कर दिया था कि ऐसी कोई कानूनी बाध्यता नहीं है कि हिरासत में जाने के बाद केजरीवाल CM नहीं रह सकते.

कोर्ट ने साथ ही टिप्पणी की थी कि अगर कोई संवैधानिक संकट भी है तो इस पर LG या राष्ट्रपति को फैसला लेना है. इसमें कोर्ट के दखल का कोई औचित्य नहीं बनता. अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से संबंधित घोटाला केस में 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद वह 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेजे गए थे, जिसे 1 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है.

हिंदू सेना की याचिका में क्या कहा गया है?
हिंदू सेना ने याचिका में एलजी को यह आदेश जारी करने की मांग की है कि वे केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से बर्खास्त करें. इसके साथ ही यह भी तय किया जाए कि दिल्ली की सरकार एलजी के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा चले. याचिका में कहा गया है कि देश के संविधान में ऐसी कोई कल्पना नहीं है कि एक मुख्यमंत्री गिरफ्तारी की स्थिति में न्यायिक या पुलिस हिरासत से सरकार चला सकें.

हिंदू सेना की तरफ से दायर याचिका में इस बात का भी जिक्र है, “इस तरह का कोई कानून नहीं है कि अदालतें प्रशासन और शासन में शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए संवैधानिक प्रावधानों में हस्तक्षेप करें.” याचिका में यह बात भी स्पष्ट की गई है कि संविधान के अनुच्छेद 163 और 164 के तहत एक राज्यपाल की क्या शक्तियां हैं.

नैतिकता के कारण पहले ही दे देना चाहिए था इस्तीफा

याचिका हिंदू सेना के वकील बरुण सिन्हा ने दायर की है, जिसमें कहा गया है, “दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल ने संविधान द्वारा उन पर जताए गए संवैधानिक विश्वास का उल्लंघन किया है. धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत ईडी द्वारा उन्हें गिरफ्तार किया गया है.” याचिका में कहा गया है, “इसलिए, संवैधानिक नैतिकता के कारण, उन्हें जांच एजेंसी द्वारा हिरासत में लिए जाने से पहले इस्तीफा दे देना चाहिए था.”