छत्तीसगढ़ में डायरिया का प्रकोप ! 35 लोगों की हालत गंभीर, गर्भवती महिलाएं में भी फैला वायरस

Diarrhea outbreak in Chhattisgarh! Condition of 35 people is critical, virus spread among pregnant women also
Diarrhea outbreak in Chhattisgarh! Condition of 35 people is critical, virus spread among pregnant women also
इस खबर को शेयर करें

रायपुर: अचानक मौसम में बदलाव के साथ ही बीमारियों का प्रकोप भी दस्तक दे रहा है। शहर के लाभांडी में पिछले तीन दिनों से डायरिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। मंगलवार से शुरू हुए डायरिया के प्रकोप से अब तक लगभग 30 से 35 लोग हास्पिटल पहुंच चुके हैं, जिसके कारण नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने दौरा कर वहां के लोगों के लिए स्वास्थ्य शिविर व पानी टैंकर की तुरंत व्यवस्था कराई।

गर्भवती महिलाएं भी संक्रमित लाभांडी अंतर्गत संकल्प फेस-2 में दौरान डायरिया के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए बुधवार को स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने शिविर लगाकर वहां के लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। इस परीक्षण में छोटे बच्चे से लेकर गर्भवती महिलाओं तक में डायरिया के लक्षण पाए गए हैं।

पानी टैंकर और 4 बिस्तरों का अस्पताल संकल्प होम्स फेस- 2 में स्वास्थ्य शिविर के साथ टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही है। निगम जोन-9 कमिश्नर संतोष पांडे ने बताया कि उल्टी-दस्त से संबंधित 7 मामले सामने आए, जिस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग को सूचित कर बोर और उससे 50 फीट की दूरी पर स्थित सेप्टिक टैंक का निरीक्षण किया गया। पानी का सैम्पल बोर और घरों से लिया गया। इसे नगर निगम के फिल्टर प्लांट में जांच के लिए भेजा गया। मामले की जांच में प्रारंभिक तौर पर बोर में पानी दूषित होने की संभावना के मद्देनजर सभी बोर में लिक्विड क्लोरीन डलवाया गया।

पहले कलेक्टर-आयुक्त ने किया था दौरा इस समस्या को सुलझाने के लिए स्थानीय पार्षद धनेश बंजारे ने बताया, निगम मुख्यालय में दो से तीन बार शिकायत की है। दो-तीन महीने पहले अपर कलेक्टर और जोन आयुक्त को बुलाकर निरीक्षण कराया गया था। लेकिन, अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है।

बंद कराया बोर एक बोर, जिसके दूषित होने की संभावना लग रही थी, उसको बंद कराया गया है। वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत संपवेल में प्रतिदिन 5 टैंकर पानी डालने और 3 टैंकर पानी पीने के लिए परिसर में रखा गया। वहां के लोगों के लिए चार बिस्तरों वाला अस्थाई अस्पताल बनाया गया है। जहां पर प्रारंभिक इलाज करके, उन्हें जिला व आंबेडकर अस्पताल भेजा जाता है।

पानी का सैम्पल जांच के लिए भेजा यहां के लोगों के घरों में निगम की पाइप लाइन का अभाव होने के कारण वे अक्सर बोर के पानी का सहारा लेते हैं। गर्मियों के दिनों में, बोर के पानी की सप्लाई में समस्या होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बोर के पानी का पूरी तरह से सुख जाने के कारण, सेप्टिक टैंक का चेम्बर बोरवेल के पास होने के साथ-साथ जल्दी भर जाता है। इसके कारण वहां पर बदबू से लोग परेशान रहते हैं।