राजस्थान की राजनीति में सचिन पायलट और प्रशांत किशोर की जुगलबंदी से कांग्रेस की बढ़ेगी टेंशन

Due to the jugalbandi of Sachin Pilot and Prashant Kishor in the politics of Rajasthan, the tension of the Congress will increase.
Due to the jugalbandi of Sachin Pilot and Prashant Kishor in the politics of Rajasthan, the tension of the Congress will increase.
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जयपुर. राजस्थान के सियासी संग्राम में आने वाले कुछ समय में जबरदस्त बवंडर उठने वाला है! अब मौजूदा कार्यकाल में सचिन पायलट (Sachin Pilot) को सीएम पद मिलना लगभग नामुमकिन लग रहा है. ऐसे में उनके अगले कदम को लेकर सस्पेंस के बीच खबर आ रही है कि प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की कंपनी आई-पैक को पायलट की ‘पॉलिटिकल स्ट्रेट्जी’ बनाने का जिम्मा मिला है. पीके ने रणनीतिक रूप से पायलट के करियर को 360 डिग्री टर्न करने के लिए राजेश पायलट (Rajesh Pilot) की पुण्यतिथि (11 जून) का दिन चुना है. इस दिन पायलट की नई पार्टी का उदय भावनात्मक और राजनीति रूप से लोगों के साथ ही ‘थर्ड फ्रंट’ को भी उससे जोड़ेगा.

सचिन पायलट की नई पार्टी की यह घोषणा ‘प्रगतिशील कांग्रेस पार्टी’, राजस्थान विकास पार्टी या फिर YSR कांग्रेस पार्टी की तर्ज पर ‘SRP कांग्रेस पार्टी’ के नाम के रूप में हो सकती है. आरएसपी का मतलब है- सचिन राजेश पायलट कांग्रेस पार्टी.

पिता की पुण्यतिथि पर बना सकते हैं नई पार्टी
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सचिन पायलट और कांग्रेस के बीच दूरियां इतनी बढ़ती जा रही हैं कि अब यह मायने नहीं रखता कि 2018 में इस पार्टी को सत्ता में लाने में उनकी अहम भूमिका थी. बीजेपी नेताओं के ‘ऑफर’ के बावजूद पायलट भाजपा में शामिल होने का मन नहीं बना पा रहे हैं. क्योंकि उनका लक्ष्य सीएम बनना है और बीजेपी में इस पद के लिए पहले ही नेताओं की लंबी कतार है. ऐसे में नई पार्टी बनाने की ओर कदम बढ़ गए हैं. सचिन कर्नाटक चुनाव के परिणाम का इंतजार कर रहे हैं. यदि 11 जून तक कांग्रेस हाईकमान और गांधी परिवार ने सचिन पायलट की मांग मान ली तो ठीक है, वरना सचिन पायलट की राहें जुदा होने से अब कोई नहीं रोक सकता.