लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस पार्टी का फैसला, ‘अचानक’ अशोक गहलोत को दे दी ये बड़ी जिम्मेदारी

Congress party's decision amid Lok Sabha elections, 'suddenly' gave this big responsibility to Ashok Gehlot
इस खबर को शेयर करें

जयपुर। पूर्व सीएम अशोक गहलोत को कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर से बड़ी ज़िम्मेदारी से नवाज़ा है। उन्हें देश की सबसे चर्चित और हॉट लोकसभा सीट अमेठी का सीनियर ऑब्जर्वर बनाया गया है। राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के हस्ताक्षर से ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के लेटर हेड पर गहलोत के अमेठी सीट पर सीनियर ऑब्ज़र्वर लगाने के आधिकारिक आदेश जारी हुए हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने अमेठी सीट पर वरिष्ठ नेता के सी शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। ये परंपरागत सीट हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार, दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। लिहाज़ा गहलोत को मिली इस बड़ी ज़िम्मेदारी के पैमाने का अंदाज़ा सहज ही लगाया जा सकता है।

बघेल को मिला रायबरेली का ज़िम्मा
कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत की ही तरह छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को भी बड़ी ज़िम्मेदारी दी है। बघेल को रायबरेली लोकसभा सीट पर सीनियर ऑब्ज़र्वर लगाया गया है। गौरतलब है कि रायबरेली सीट से इस बार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी उम्मीदवार हैं। अमेठी की ही तरह इस लोकसभा सीट को जीतना भी कांग्रेस और गांधी परिवार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ है।

… इधर गहलोत का नाम सूची से गायब
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से ओडिशा में प्रचार अभियान के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी हुई है। इसमें राजस्थान से एकमात्र सचिन पायलट को शामिल किया गया है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत को जगह नहींए मिली है।

चर्चा में ‘स्टार’ सूची
ओडिशा के लिए जारी कांग्रेस की स्टार प्रचारकों की सूची अब चर्चा में है। 40 नेताओं की इस फहरिस्त में गहलोत का नाम नहीं होने और एकमात्र सचिन पायलट को शामिल किए जाने को लेकर राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स तक में लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। ओडिशा में गहलोत के मुकाबले पायलट को तवज्जो मिलने के लोग अलग-अलग मायने भी निकाल रहे हैं। कुछ यूज़र्स कमेंट कर रहे हैं, ‘ओडिशा में गहलोत का जादू नहीं, बल्कि सचिन पायलट का जलवा चलता है।’

टॉप 10 में पायलट को जगह
जारी हुई सूची में सचिन पायलट को टॉप-10 नेताओं में जगह मिली है। वे दसवें नंबर पर हैं। जबकि उनके नाम से पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गाँधी, वरिष्ठ नेता डॉ अजोय कुमार, सरत पटनायक, नरसिंघा मिश्रा, रेवंथ रेड्डी और भूपेश बघेल के नाम भी शामिल हैं।

राहुल गांधी के बचाव में उतरे गहलोत
राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत एक बार फिर राहुल गांधी के बचाव में उतर आये हैं। उन्होंने अब प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं की ओर से राहुल गांधी की रायबरेली उम्मीदवारी को लेकर उठाते जा रहे सवालों और कटाक्ष का जवाब दिया है। गहलोत ने शनिवार को अपने मध्य प्रदेश दौरे के दौरान भोपाल में एक समाचार एजेंसी को इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘भागा कौन है? पीएम मोदी खुद भागे हैं। उनका वाराणसी से क्या संबंध था? जबकि वे तो खुद गुजरात से थे। तो वो गुजरात से लड़ने के बजाय भागकर वहां क्यों गए? ‘

‘दोनों सीटों पर जीतेंगे’
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने रायबरेली सीट से राहुल गांधी के नामांकन पर भी प्रतिक्रिया दी है। सोशल मीडिया के ज़रिये शेयर अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा, ‘रायबरेली में राहुल गांधी और अमेठी में के एल शर्मा के नामांकन के अवसर पर आम जनता एवं कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल देखने का मौका मिला। दोनों सीटों पर कांग्रेस भारी मतों से विजयी होगी।’

‘रायबरेली-अमेठी से है भावनात्मक रिश्ता’
गहलोत ने कहा कि रायबरेली और अमेठी से गांधी परिवार का दशकों पुराना भावनात्मक रिश्ता है। रायबरेली में राहुल गांधी की उम्मीदवारी ने कांग्रेस में नए जोश का संचार किया है। वहीं अमेठी में के एल शर्मा के रूप में एक कार्यकर्ता को टिकट दिया गया है। करीब 40 साल से केएल शर्मा अमेठी और रायबरेली की जनता के बीच काम कर रहे थे। उनको मौका मिलने से सभी कार्यकर्ताओं में जोश आ गया है।’

उन्होंने कहा, ‘अमेठी में 5 साल से भाजपा सांसद की गैरमौजूदगी के कारण वहां की जनता भी गांधी परिवार एवं के एल शर्मा के काम को याद करने लग गई थी। मैंने दोनों जगहों पर जनता के बीच महसूस किया कि अमेठी और रायबरेली में जीत कांग्रेस की ही होगी।’