ED का दावा 600 करोड़ का घोटाला, 4 लाख का बंगला बना 150 Cr का, फंसे लालू?

ED claims 600 crore scam, 4 lakh bungalow made of 150 Cr, Lalu trapped?
ED claims 600 crore scam, 4 lakh bungalow made of 150 Cr, Lalu trapped?
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नई दिल्ली: नौकरी के बदले जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली से लेकर पटना, मुंबई आदि में तेजस्वी यादव समेत अन्य नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी की। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस छापेमारी पर आधिकारिक बयान दिया है। शनिवार को ईडी ने बताया है कि उसने इस छापेमारी में 600 करोड़ की कुल संपत्ति का पता लगाया है। उल्लेखनीय है कि जमीन के बदले नौकरी का यह घोटाला लालू यादव के साल 2004 से 2009 के बीच बतौर रेल मंत्री रहने के दौरान का है। आरोप है जमीन के बदले रेलवे में विभिन्न जोन्स में नौकरी दी गई थी।

केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा है कि इसमें 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति और बेनामीदारों (बेनामी संपत्तियों के लिए सामने वाले व्यक्ति) के माध्यम से 250 करोड़ रुपये के लेनदेन शामिल हैं। अचल संपत्तियों और लेन-देन के अलावा, ईडी ने कुल एक करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, 1,900 डॉलर सहित विदेशी मुद्रा, 540 ग्राम सोना और 1.5 करोड़ रुपये से अधिक के 1.5 किलोग्राम सोने के आभूषण के साथ-साथ संपत्ति के कागजात, बिक्री जैसे कई अहम डॉक्युमेंट्स भी बरामद किए हैं। शुक्रवार को 24 जगहों पर ईडी ने छापेमारी की थी। तेजस्वी यादव के अलावा, लालू की तीन बेटियों- हेमा, चंदा और रागिनी के घर पर ईडी ने कार्रवाई की थी। वहीं, आरजेडी के पूर्व विधायक अबू दोजाना के घर पर भी रेड मारी गई थी।

ईडी ने आधिकारिक बयान में कहा, “सर्च के परिणामस्वरूप इस समय लगभग 600 करोड़ रुपये की संपत्ति पता चला है, जो 350 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों के रूप में है और 250 करोड़ रुपये के लेनदेन विभिन्न बेनामीदारों के माध्यम से किए गए हैं।” ईडी ने कहा कि नौकरी के बदले जमीन घोटाले में अब तक की गई मनी लॉन्ड्रिंग जांच से पता चला है कि पटना और अन्य क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर जमीन के कई टुकड़े पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार द्वारा अवैध रूप से अधिग्रहित किए गए थे। इसके बदले रेलवे में नौकरी दी गई। ईडी ने कहा, “इन जमीनों का वर्तमान बाजार मूल्य 200 करोड़ रुपये से अधिक है।” एजेंसी ने बताया कि कई शेल संस्थाएं और इन जमीनों के लाभकारी मालिकों की पहचान की गई है।

चार लाख में खरीदा बंगला, अब कीमत 150 करोड़
इसके अलावा, ईडी की जांच से पता चला है कि डी-1088, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, दिल्ली में एक चार मंजिला बंगला, मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से रजिस्टर्ड है, जो तेजस्वी यादव और परिवार के स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनी है। इसे मात्र 4 लाख रुपए में खरीदा गया है। ईडी ने कहा, ”इस बंगले की मौजूदा बाजार कीमत करीब 150 करोड़ रुपये है।” ईडी ने कहा कि यह संदेह है कि इस संपत्ति को खरीदने में बड़ी मात्रा में नकदी/अपराध की आय का उपयोग किया गया है और रत्न और आभूषण क्षेत्र में काम करने वाली मुंबई स्थित कुछ संस्थाओं का उपयोग इस संबंध में अपराध की अवैध आय को चैनल करने के लिए किया गया था।

रेड के दौरान बंगले में मौजूद थे तेजस्वी यादव
जांच एजेंसी ने बताया कि कागज पर बंगले को एबी एक्सपोर्ट्स और एक अन्य कंपनी एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय के रूप में घोषित किया गया है, लेकिन तेजस्वी यादव द्वारा इसे विशेष रूप से आवासीय परिसर के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। ईडी ने कहा कि तेजस्वी शुक्रवार को तलाशी के दौरान बंगले में मौजूद थे और संपत्ति का इस्तेमाल अपने आवास के रूप में कर रहे हैं। ईडी का बयान ऐसे दिन आया है जब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले में भ्रष्टाचार की समानांतर जांच में पूछताछ के लिए तेजस्वी को समन जारी किया था। हालांकि, तेजस्वी ने इस आधार पर मोहलत मांगी कि उनकी गर्भवती पत्नी अस्वस्थ हैं। उन्हें इससे पहले भी सीबीआई ने समन भेजा था, लेकिन तब भी वह पूछताछ में शामिल नहीं हुए थे।

साढ़े सात लाख की जमीन साढ़े तीन करोड़ में बेची गई
जांच एजेंसी ने यह भी पाया है कि यादवों द्वारा रेलवे में गरीब ग्रुप डी आवेदकों से महज 7.5 लाख रुपये में अधिग्रहित की गई जमीन के चार टुकड़े राबड़ी देवी द्वारा अबु दोजाना को 3.5 करोड़ रुपये के बड़े लाभ के साथ सांठगांठ के सौदे में बेचे गए थे। एजेंसी ने आगे कहा कि इस राशि का एक बड़ा हिस्सा (बिक्री से प्राप्त) तेजस्वी यादव के खाते में स्थानांतरित कर दिया गया था। इसी तरह रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी के एवज में कई गरीब माता-पिता और कैंडिडेट्स की जमीनें ली गईं। जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि रेलवे के कई जोन में भर्ती किए गए उम्मीदवारों में से 50% से अधिक लालू यादव परिवारों के निर्वाचन क्षेत्रों से थे।