फेसबुक के मार्क जकरबर्ग की मुश्किलें बढ़ीं, रूस ने Meta को आतंकी संगठनों की लिस्ट में डाला

Facebook's Mark Zuckerberg's troubles increase, Russia puts Meta on the list of terrorist organizations
Facebook's Mark Zuckerberg's troubles increase, Russia puts Meta on the list of terrorist organizations
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नई दिल्ली: कभी दुनिया के टॉप तीन अमीरों की लिस्ट में शामिल रहे मार्क जकरबर्ग (Mark Zuckerberg) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। रूस ने इंस्टाग्राम (Instagram) और फेसबुक (Facebook) की पेरेंट कंपनी मेटा (Meta) को आतंकवादी और चरमपंथी संगठनों की लिस्ट में डाल दिया है। रूस ने मार्च में ही फेसबुक और इंस्टाग्राम पर प्रतिबंध लगा दिया था। रूस ने फरवरी में यूक्रेन पर हमला किया था। रूसी अधिकारियों का आरोप था कि ये सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स रूस के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। रूस में खासकर इंस्टाग्राम बहुत लोकप्रिय है। यह विज्ञापन और सेल्स के लिए अहम प्लेटफॉर्म था।

फेसबुक (अब मेटा प्लेटफॉर्म्स) को टिकटॉक (TikTok) और यूट्यूब (YouTube) जैसे प्लेटफॉर्म्स से कड़ी टक्कर मिल रही है। करीब 18 साल पुरानी इस कंपनी से यूजर्स टिकटॉक और यूट्यूब की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं। इस कारण कंपनी का रेवेन्यू बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस साल कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आई है। इससे मेटा के सीईओ जकरबर्ग की नेटवर्थ भी प्रभावित हुई है। लंबे समय तक दुनिया के टॉप तीन अमीरों की लिस्ट में शामिल रहे जकरबर्ग अब 23वें नंबर पर खिसक गए हैं। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक उनकी नेटवर्थ 50.3 अरब रह गई है। इस साल उनकी नेटवर्थ में 75.2 अरब डॉलर की गिरावट आई है।

पहली बार छंटनी की नौबत
कई वर्षों तक इस कंपनी ने रेकॉर्ड ग्रोथ दर्ज की और निवेशकों की जबरदस्त रिटर्न दिया। लेकिन इस साल कंपनी की तिमाही रिपोर्ट्स अच्छी नहीं रही हैं। हालत यह हो गई है कि फेसबुक (Facebook) में पहली बार छंटनी होने जा रही है। जकरबर्ग ने कर्मचारियों की छंटनी के संकेत दिए हैं। कंपनी ने मई में ही इंजीनियरों और डेटा साइंटिस्ट्स की हायरिंग बंद कर दी थी। जुलाई में जकरबर्ग ने कर्मचारियों से कहा था कि उनके लिए अगले 18 से 24 महीने चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।

जकरबर्ग के साथ हाल में हुई मीटिंग में शामिल कर्मचारियों के मुताबिक सभी मैनेजरों से बजट में कटौती करने को कहा गया है। उन्होंने नई भर्तियां नहीं करने या छंटनी करने को कहा गया है। फेसबुक ने मेटावर्स प्रॉडक्ट्स को आक्रामक तरीके से प्रमोट कर रहा है। यही कारण है कि कंपनी का फाइनेंस प्रभावित हुआ है। साथ ही फेसबुक को दूसरी कंपनियों से भी कड़ी टक्कर मिल रही है। इस कारण कंपनी की विज्ञापन से होने वाली कमाई प्रभावित हुई है।