हरियाणा में भारी बारिश से मायूस हुए किसान, कपास की फसल बर्बाद, पिछले साल के मुआवजे का अभी तक इंतजार

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हरियाणा के हिसार, सिरसा और फतेहाबाद में तीन दिन की बारिश ने कपास उगाने वाले किसानों का भारी नुकसान किया है. लेकिन इस साल नुकसान झेल रहे किसान अभी भी पिछले साल की खरीफ की फसलों के मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं.

अधिकारियों ने बताया कि 2020 की खरीफ फसल की विशेष गिरदावरी के तहत किसानों को हुए नुकसान के तहत इन जिलों के प्रभावित किसानों को करीब 525 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. यह राशि किसानों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत उनकी गैर-बीमित फसलों के लिए है. इसमें सिरसा में 302 करोड़ रुपए, हिसार में 200 करोड़ रुपये से अधिक और फतेहाबाद जिले में 23 करोड़ रुपये शामिल हैं. हालांकि, राज्य सरकार की ओर से अभी तक मुआवजे के वितरण के लिए मुआवजा जारी नहीं किया गया है.

अधिकारियों ने कहा कि बीमा कंपनी इन तीन जिलों के किसानों को पहले ही मुआवजे का भुगतान कर चुकी है. हालांकि, किसानों ने आरोप लगाया कि बीमा फर्म उन्हें पर्याप्त मुआवजा देने में विफल रही और बड़ी संख्या में प्रभावित किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया, जबकि उन्हें फसल के नुकसान का सामना करना पड़ा था.

मुआवजा नहीं मिलता, इसलिए नहीं कराया बीमा
हिसार के चैनत गांव के किसान प्रदीप दुहन ने कहा कि उन्होंने इस साल कपास की बुवाई के लिए 18 एकड़ जमीन 20,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से लीज पर ली थी. “लेकिन बारिश ने लगभग पूरी फसल को बहा दिया है. चूंकि फसल परिपक्व अवस्था में थी, इसलिए मुझे लगभग 20,000 रुपये प्रति एकड़ की लागत का वहन करना पड़ा.”

दुहन ने इस साल PMFBY के तहत अपनी फसल का बीमा नहीं करवाया है. उन्होंने कहा, “मैंने पिछले साल PMFBY के तहत अपनी पूरी फसल का बीमा कराया था. लेकिन पिछले साल भी फसल के नुकसान के बावजूद, मुझे और मेरे गांव के अन्य सभी किसानों को कोई मुआवजा नहीं मिला. इसीलिए इस बार मैंने PMFBY के लिए प्रीमियम का भुगतान करने पर अतिरिक्त पैसा खर्च नहीं करने का फैसला किया.”

बाढ़ के कारण धान की फसल डूबी
हिसार के उकलाना ब्लॉक के दौलतपुर गांव के किसान भूप सिंह ने कहा कि उनकी 6 एकड़ कपास और 10 एकड़ धान की फसल जलमग्न हो गई है. उन्होंने बाढ़ के कारण फसल के नुकसान की आशंका जताई. ऐसी ही कहानी मान सिंह में बाजरा उगाने वाले किसान की है, जिसने बाजरे की उपज को 3 एकड़ में काटा था, लेकिन स्टॉक खेत में बिना काटे पड़ा है. उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि अनाज गीला होने के कारण मुझे उपज मिलेगी.”

जिला राजस्व अधिकारी (DRO) हिसार, विजेंद्र भारद्वाज ने कहा कि सरकार ने हिसार में किसानों को कीट हमले के कारण 2020 में फसल न होने पर विशेष गिरदावरी के आधार पर 200 करोड़ रुपये से अधिक के वितरण का प्रस्ताव तैयार किया था. उन्होंने कहा, “जिला प्रशासन के पास आते ही इसे किसानों को वितरित कर दिया जाएगा.”